- आए दिन ट्रेन की चपेट में आने से हो रही तमाम मौते, ढाई फुट चौड़े फुटपाथ पर लगता है गाडि़यों का रेला

- ऑप्शन न होने के कारण मजबूर राहगीरों को चुनना पड़ता रेल लाइन का रास्ता

GORAKHPUR: डोमिनगढ़ पुल मौत का पुल बनता जा रहा है। आए दिन यहां ट्रेन की चपेट में आने से किसी न किसी को अपनी जान गवानी पड़ती है। यही वजह है कि सोमावार को भी इसी पुल पर दो ट्रेनों की चपेट में आने से एक बुजुर्ग की दर्दनाक मौत हो गई। इससे पहले भी इस पुल पर महीने में दो से तीन ऐसी घटनाएं होती रही है। लेकिन किसी ने कभी इसकी सुधि तक नहीं ली। सोमवार की सुबह फूल तोड़ने जा रहा एक 65 साल का बुजुर्ग भी यहां ट्रेन की चपेट में आ गया। तिवारीपुर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

जाम के कारण रेल लाइन पर चलते हैं लोग

यहां सबसे अधिक ट्रेन की चपेट में आकर मौत की घटनाओं की वजह यह है कि करीब ढाई फुट चौड़े इस फुटपाथ पथ पर दोनों ओर से लोग अपनी बाइक घुसा देते हैं। मुकामी लोगों की मानें तो पूरा दिन इसकी वजह से पुल पर जाम लग जाता है। पैदल चलने वाले फुटपाथ पर लोग अपनी बाइक लेकर चले जाते हैं। इससे जाम के साथ कभी-कभी पुल से नीचे गिरने की स्थिति भी आ जाती है। ऐसे में लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। इससे मजबूर होकर लोग अपनी जान तक गंवा बैठते हैं। डोमिनगढ़ रेलवे स्टेशन पास होने के कारण इस लाइन पर काफी कम समय के अंतराल पर ट्रेन भी गुजरती है। जब कभी इधर से ट्रेन आ जाती है, तो इस लाइन पर चलने वालों के पास और कोई रास्ता नहीं होता और वह हादसे का शिकार हो जाते हैं।

सुसाइड प्वाइंट के नाम से भी है फेमस

डोमिनगढ़ पुल सुसाइड प्वाइंट के नाम से भी काफी फेमस है। यहां आए दिन लोग नदी में छलांग लगा बैठते हैं। ऐसे कई मामले भी प्रकाश में आ चुके है जो आत्महत्या के लिए इसी पुल को चुनते हैं। क्योंकि पुल के नीचे नदी और सामने पटरी पर ट्रेन होती है। इससे खुदकुशी करने वालों को यहां बचने का कोई चांस नहीं होता।