- सर्जरी, आर्थो और पैथालॉजी डिपार्टमेंट रहा प्रभावित

- सैकड़ों मरीज लौटे बिना इलाज के

GORAKHPUR: वीआईपी ड्यूटी के चलते सैकड़ों मरीज इलाज के लिए तरसते रहे। वेंस्डे को सिटी में राज्यपाल को आना था। इसके लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के कई डॉक्टर्स और पैथालॉजिस्ट की ड्यूटी लगाई गई थी। हालांकि राज्यपाल नहींआए, लेकिन डॉक्टरों की वीआईपी ड्यूटी के चलते सैकड़ों मरीज बिना इलाज के लिए हॉस्पिटल से लौट गए। वेंस्डे को सर्जरी, आर्थो बल्कि पैथालॉजी डिपार्टमेंट पूरी तरह प्रभावित रहा। न तो एक भी ऑपरेशन हो सके और न ही किसी मरीज की जांच हुई।

वीआईपी ड्यूटी में बिजी थे डॉक्टर्स

राज्यपाल के नगर आगमन पर नेता जी सुभाष चन्द्र बोस डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में तैनात सर्जरी विभाग के डॉक्टर एचआर वर्मा और एके श्रीवास्तव की ड्यूटी लगाई गई थी। सर्जरी विभाग में केवल दो ही डॉक्टर हैं। इसमें एक आपरेशन थियरेटर संभालते हैं तो दूसरे ओपीडी। दोनों डॉक्टरों के न होने पर सर्जरी डिपार्टमेंट में न तो कोई ऑपरेशन हो सका और न ही किसी मरीज को ओपीडी में इलाज मिला।

आर्थो डिपार्टमेंट की ओपीडी भी प्रभावित

आर्थो डिपार्टमेंट की भी ओपीडी पूरी तरह प्रभावित रहीं। वीआईपी ड्यूटी में आर्थो डिपार्टमेंट के डॉक्टर धनश्याम सिंह, डॉ। ओ.पी चौधरी और डॉ। अंबुज श्रीवास्तव की ड्यूटी लगाई गई थी। इसके चलते ओपीडी भी नहीं चली। यहीं नहीं एनेस्थिसिया के भी दो डॉक्टर वीआईपी ड्यूटी में थे। इसके चलते ऑपरेशन भी प्रभावित हुए। दोनों डिपार्टमेंट में रोजाना सौ से डेढ़ सौ मरीज इलाज के लिए आते हैं।

वेंस्डें को नहीं हुई जांच

एक तरह आर्थो और सर्जरी डिपार्टमेंट की ओपीडी और ऑपरेशन प्रभावित हुए तो दूसरी तरफ वेंस्डे को मरीजों की जांच हो सकी। साथ ही पुरानी जंच की रिपोर्ट मिल सकी। पैथालॉजी डिपार्टमेंट में तीन डॉक्टरों की तैनाती हैं। जिसमें डॉ। के.एम सिंह ट्रेनिंग के लिए लखनऊ गए है, जबकि डॉ। जे पी सिंह, और डॉ। एके यादव की पोस्टमार्टम में ड्यूटी लगाई गई थी। इसके चलते जांच कराने और रिपोर्ट लेने आए मरीजों को बैरंग लौटना पड़ा।

वीआईपी के आगमन पर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई थी। दो डॉक्टरों की ड्यूटी पोस्टमार्टम में लगी थी। जिसके चलते ओपीडी प्रभावित हुई। हालांकि मरीजों के इलाज की सुविधा को ध्यान में रखा गया था।

डॉ। एच.आर यादव, एसआईसी डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल