- निरीक्षण में अक्सर अनुपस्थित पाए जाते हैं डॉक्टर्स

- सजा के तौर पर महज एक दिन का काटा जाता है वेतन

GORAKHPUR : डॉक्टर्स को पेशेंट्स का भगवान माना जाता है। लेकिन अगर भगवान की किसी दिन अपनी ड्यूटी से गायब हो जाएं तो? सरकारी डॉक्टर्स का हाल कुछ ऐसा ही है। पीएचसी, सीएचसी और हेल्थ पोस्ट पर तैनात डॉक्टर्स और कर्मचारी अक्सर ड्यूटी से गायब रहते हैं, इसकी पुष्टि कई बार एडी हेल्थ और सीएमओ के औचक निरीक्षण में भी हुई है। लेकिन कार्रवाई के नाम पर महज एक दिन का वेतन काटा जाता है। कोई सख्त कार्रवाई न होने से डॉक्टर्स और कर्मचारी पुराने ढर्रे पर चलते रहते हैं और खामियाजा इलाज कराने आए पेशेंट भुगतते हैं।

औचक निरीक्षण में मिलते हैं गायब

पिछले एक महीने में एडी हेल्थ और सीएमओ ने कई बार सीएचसी, पीएचसी और फीमेल हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण किया। जिसमें हर बार कई डॉक्टर्स अनुपस्थित मिले। सिटी के आधा दर्जन हेल्थ पोस्ट पर तैनात सभी महिला डॉक्टर्स नदारद मिलीं। ड्यूटी से गैरहाजिर डॉक्टर्स का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश जारी कर कोरम पूरा किया गया, कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई।

जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहे डॉक्टर्स

एक ओर सरकार ये प्रयास कर रही है कि ग्रामीण इलाकों और सरकारी हॉस्पिटल्स में सबको हेल्थ सर्विसेज मिल सकें। वहीं डॉक्टर्स की बेरुखी सरकार के इस मंसूबे पर पानी फेर रही है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल और पीएचसी/सीएचसी पर डॉक्टर्स की संख्या लगातार कम होती जा रही है। जितने डॉक्टर्स की तैनाती है, वे भी मौके से नदारद रहते हैं। निरीक्षण में अनुपस्थित मिलने पर भी डिपार्टमेंट उनके खिलाफ मामूली कार्रवाई कर खानापूर्ति कर लेता है। किसी डॉक्टर के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं होती।