- दुनिया में तेजी से फैल रहा इस्लाम व कुरआन : डॉ। रूहुल अमीन
- मजहरुल उलूम घोषीपुरवां का दो दिवसीय दीक्षांत समारोह सम्पन्न, छात्रों के सर सजी दस्तार
GORAKHPUR: दारुल उलूम अहले सुन्नत मजहरुल उलूम घोषीपुरवा (शाहपुर) के 46वें दीक्षांत का रविवार को समापन हुआ। इस अवसर पर इस्लामिक विद्वान अल्लामा मोहम्मद अलाउद्दीन मिस्बाही ने 'कुरआन और तरक्की' विषय पर कहा कि कुरआन दीन व दुनिया का इंसाइक्लोपीडिया हैं। आज साइंस दुनिया जो कुछ कह रही है और जो कुछ कर रही है, वह सब कुरआन का सदका है। अगर साइंसी दुनिया कुरआन की रोशनी में तहकीकात करके इतनी आगे जा रही हैं, तो मुसलमानों पर लाजिमी हैं कि कुरआन पर मुकम्मल अमल करके आगे बढ़े।
गौर करें मिलेगा हल
उन्होंने कहा कि सारी दुनिया कुरआन से फायदा हासिल होगा। हम कुरआन वाले होकर कुरआन से फैज नहीं पा रहे हैं। इसकी वजह कुरआन से दूरी है। मुसलमान अगर कुरआन में गौरो फिक्र करना शुरु कर दें, तो सारी समस्याओं का हल मिल जाएगा। कहा कि तमाम समस्याए जो यूनिवर्सिटीज की ऊंची-ऊंची कुर्सियों पर बैठकर हल नहीं हो पाती वह मदरसे की टूटी चटाइयों पर बैठने वाले उलेमा पल भर में ही हल कर देते हैं। अन्तराष्ट्रीय इस्लामिक स्कॉलर डॉ। रूहुल अमीन ने 'द चैलेंज ऑफ कुरआन' विषय पर कहा कि अमेरिका के कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में मौजूद दुनिया की सबसे बड़ी लाइब्रेरी के मुख्यद्वार पर कुरआन की आयत लिखी हुई है। जिसमें इसके सच्चे होने का इकरार किया गया है।
हजारों लोग हुए शामिल
पढ़ सबको सुब्हानल्लाहा कहने पर मजबूर कर दिया। इसके आलावा नात शरीफ सरफुद्दीन, सबा साहब आजमी, सोहराब कादरी ने भी पेश की। प्रोग्राम के आखिर में हिफ्ज व आलिमयत की दस्तारबंदी की गई। इस मौके पर मुख्य अतिथि ने गुलाम जिलानी, गुलाम नबी आजाद, रमजान अली, जाफर अली, मोहम्मद इस्माइल, अब्दुर्रहमान, नूर मोहम्मद, अब्दुल कारी, अब्दुल करीम के सर पर बांधी व डिग्री प्रदान किया। इस मौके पर सेराज अहमद, अली अहमद, नूर मोहम्मद, अब्दुल कादीर, हाफिज, अंसारुल हक, कारी तनवीर, मेहताब, कारी सरफुद्दीन सहित तमाम लोग मौजूद रहे। दोनों दिन मिलाकर करीब पांच हजार अकीदतमंद शामिल हुए। इस दौरान लोगों ने मेले का लुत्फ भी उठाया।