गोरखपुर (ब्यूरो)।यह कहना है केजीएमयू के फिजियोलॉजी विभाग के एचओडी प्रोफेसर नरसिंह वर्मा का। वह शुक्रवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) के फिजियोलॉजी विभाग व इंडियन सोसाइटी ऑफ हाइपरटेंशन के संयुक्त तत्वावधान में हाई ब्लड प्रेशर पर आयोजित वर्कशॉप में बतौर मुख्य वक्ता मौजूद रहे। इसमें संस्थान के संकाय सदस्य, नर्सिंग स्टाफ और गोरखपुर शहर के डॉक्टरों ने भाग लिया और अपने विचार रखे। इस दौरान प्रो। नरसिंह वर्मा ने होम ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग की महत्ता बताई। उन्होंने कहा कि घर पर ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग से व्हाइट कोट हाइपरटेंशन और मास्क्ड हाइपरटेंशन को आसानी से पहचाना जा सकता है।
जंक फूड बनते हैं हाइपरटेंशन के कारण
एम्स की कार्यकारी निदेशिका प्रोफेसर सुरेखा किशोर ने कहा कि लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे जंक फूड आदि हाइपरटेंशन का कारण बनते हैं। बढ़े हुए ब्लड प्रेशर से हार्ट-अटैक, स्ट्रोक, किडनी फेलियर आदि का खतरा बना रहता है। अगर इसकी पहचान समय रहते ना हुई या सही से इलाज ना हुआ तो ये जानलेवा भी साबित हो सकता है। प्रो हरि शंकर जोशी ने बताया कि पश्चिमी जीवनशैली और तनाव हाइपरटेंशन का प्रमुख कारण हैं। वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ। लोकेश गुप्ता ने बताया कि ब्लड प्रेशर को मापने में गलतियां होती हैं। उन गलतियों को ठीक किया जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन फिजियोलॉजी विभाग के डॉ। अनिल गंगवार ने किया। आयोजक मंडल में प्रो रत्नेश एन गजभिए, डॉ। कुमार सर्वोत्तम, डॉ। अरनी दास और डॉ। आशीष अरविंद शामिल थे। कार्यक्रम में प्रो। शिखा सेठ, प्रो। विक्रम वर्धन, प्रो। कुमार सतीश रवि, डॉ। आनंद मोहन दीक्षित, डॉ। विवेक मिश्रा, डॉ। सुबोध कुमार, डॉ। हीरा भल्ला, डॉ। प्रीति प्रियदर्शनी और बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉ। कुलदीप सिंह ने सत्र की अध्यक्षता की।