- जिला अस्पताल में 1300, जबकि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पहुंचे 1200 से ज्यादा पेशेंट्स
- दीवाली में फूटे पटाखों की वजह से बढ़े स्किन, दमा और कार्डिएक के मरीजों की बढ़ी परेशानी
- ओपीडी में लगी रही पेशेंट्स की भीड़
GORAKHPUR: दिवाली का जश्न और पटाखों की धूम के बीच गोरखपुराइट्स की परेशानी बढ़ गई है। सेलिब्रेशन के बाद यूथ पर तो पटाखों के साइड इफेक्ट ने बच्चों और बुजुर्गो की परेशानी बढ़ा दी। जिला अस्पताल और बीआरडी मेडिकल कॉलेज में लगी भीड़ और वहां पहुंचे पेशेंट्स की तादाद को देखकर इसका आसानी से अंदाजा भी लगाया जा सकता है। शहर की बात करें तो सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल्स को मिलाकर 24 घंटों में करीब 5000 हजार से ज्यादा पेशेंट्स पहुंचे। इसमें सबसे ज्यादा तादाद बुजुर्गो की रही। इस तरह से अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो हर घंटे करीब 250 पेशेंट्स इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे।
फिजिशियन और स्किन में भीड़
जिला अस्पताल में रजिस्ट्रेशन के आंकड़ों पर नजर डाली जाए, तो सिर्फ जिला अस्पताल में ही 1311 रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जिसमें जिला महिला अस्पताल के करीब 350 केस शामिल हैं। वहीं मेडिकल कॉलेज में भी करीब 1200 से ज्यादा पेशेंट्स की ओपीडी हुई है। इसमें करीब 70 फीसद केस फिजिशियन और स्किन से जुड़े आए हैं, जबकि बाकी केसेज आर्थो और दूसरी बीमारियों के थे। इसके साथ ही प्राइवेट हॉस्पिटल और फिजिशियंस के पास भी करीब 2500 लोग इलाज के लिए पहुंचे हैं।
टेंप्रेचर डिफरेंस ने बढ़ाई परेशानी
दिवाली के साथ ही मौसम की उठा-पटक का असर भी गोरखपुराइट्स पर खासा दिखा। सुबह और शाम के टेंप्रेचर चेंज की वजह से बच्चे-बूढे़ लोगों के साथ ही दमा और कार्डिएक पेशेंट्स की परेशानी बढ़ गई। दिवाली में छूटे पटाखों में मिले एटमॉस्फियर में मिल गए और इसमें इस्तेमाल केमिकल्स ने ओस और हवा के साथ लोगों पर हमला बोल दिया। नतीजा सांस लेने की प्रॉब्लम के साथ ही गला चोक, दम घुटने जैसे कई केसेज सामने आए। जिसे दिखाने के लिए लोगों की लंबी लाइन अस्पतालों के बाहर लगी नजर आई।
बॉक्स -
वेक्टर है अपनी बॉडी
मौसम का मौजूदा हाल पेशेंट्स के लिए तो काफी खतरनाक है ही, वहीं जो बीमार नहीं हैं, उन्हें भी इसे लाइटली नहीं लेना चाहिए। मौजूद वक्त में जो टेंप्रेचर चेंज हुआ है, ऐसे चेंज से वायरस की ग्रोथ काफी तेज हो जाती है। इस ग्रोथ में ह्यूमन बॉडी एक वेक्टर के तौर पर वर्क करने लगती है। बाहर के टेंप्रेचर को मेनटेन करने के लिए वाइरस ह्यून बॉडी का इस्तेमाल करते हैं और अपनी लाइफ स्टाइल को मेनटेन करते हैं।
जॉगिंग करें तो रहें सावधान
इस समय सबसे ज्यादा प्रॉब्लम जॉगर्स और मॉर्निग वाकर्स को हो सकती है। यह समय ऐसा है जब ओस गिर रही है। इस दौरान नंगे बदन या फिर आधे कपड़ों में टहलने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है। दिवाली के दौरान यूज किए गए पटाखों में इस्तेमाल सभी केमिकल्स फॉग के साथ ह्यूमन स्किन पर पड़ रहे हैं, जिससे स्किन से रिलेटेड प्रॉब्लम हो रही है। वहीं आंखों पर लगने से आखों में जलन के साथ कई और प्रॉब्लम हो सकती है।
इन्हें होती है ज्यादा प्रॉब्लम
8 साल से छोटे बच्चे
50 साल से ज्यादा बड़े व्यक्ति
दमा पेशेंट्स
कार्डिएक पेशेंट्स
यह होती है प्रॉब्लम
- सांस लेने की समस्या
- नाकों में जलन
- गला का चोक होना और खराश
- दम घुटने जैसी परेशानी
- वायरल इंफेक्शन
- मिजल्स
- वूफिंग कफ
- स्किन रैशेज
- खुजलाहट
क्या बरतें सावधानी
- पूरे कपड़े पहनकर बाहर निकलें, म्वाइस्ट एयर न कॉन्टैक्ट होने पाए
- धूप निकलना शुरू न हो जाए तब तक बाहर निकलना अवाइड करें।
- ढके बदन और नाक मुंह पर कपड़ा बांधकर ही वॉकिंग के लिए जाएं।
- सिर पर टोपी लगाएं।
- शाम को दिन डूबने के बाद भी फुल स्लीव्ज शर्ट या टीशर्ट और टोपी का इस्तेमाल करें
- गाड़ी चलाते वक्त हेलमेट पहने जिससे दोनों ही कंडीशन में बचा जा सके।
- जलन बढ़ती है या कोई प्रॉब्लम हो रही है, तो चिकित्सक की सलाह लें।
- बच्चों को खुले में न टहलाएं और कवर किए रहे।
-----------------------
मौसम
तीन दिन 4 डिग्री गिरा मिनिमम टेंप्रेचर
मौसम की उठापटक का सिलसिला शुरू हो चुका है। कुछ दिनों से मिनिमम टेंप्रेचर लगातार नीचे आ रहा है। मगर पिछले दो दिनों की बात करें तो सिर्फ इस दौरान मिनिमम टेंप्रेचर में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। 27 अक्टूबर को जहां मिनिमम टेंप्रेचर 19.4 डिग्री सेल्सियस था, वहीं 30 अक्टूबर को यह 15.6 डिग्री सेल्सियस के आंकड़े पर पहुंच गया। वहीं टेंप्रेचर डिफरेंस की बात करें तो उसमें भी काफी फर्क आया है। 27 अक्टूबर को टेंप्रेचर डिफरेंस जहां 13 डिग्री सेल्सियस के आसपास था, जो 30 अक्टूबर को 16 डिग्री के आसपास पहुंच गया। सुबह और शाम के टेंप्रेचर में इस बदलाव की वजह से लगातार लोगों की परेशानी बढ़ रही है।
ऐसे बदला टेंप्रेचर
डेट मैक्सिमम मिनिमम
31 अक्टूबर 31.4 15.8
30 अक्टूबर 31.2 15.6
29 अक्टूबर 32.0 16.5
28 अक्टूबर 31.6 17.9
27 अक्टूबर 32.6 19.4
26 अक्टूबर 32.0 19.0
25 अक्टूबर 32.6 18.3
यूं बदलने के आसार
डेट मैक्सिमम मिनिमम
1 नवंबर 31.0 17.0
2 नवंबर 31.0 16.0
3 नवंबर 31.0 16.0
4 नवंबर 32.0 15.0
5 नवंबर 31.0 15.0
पिछले कुछ दिनों में काफी टेंप्रेचर चेंज हुआ है। इसमें सुबह और शाम का टेंप्रेचर काफी कम रहेगा। आगे इसके और नीचे आने के चांसेज हैं, जबकि मैक्सिमम टेंप्रेचर में थोड़ा बहुत फर्क आएगा।
- जेपी गुप्ता, डायरेक्टर, आईएमडी लखनऊ
दिवाली में फूटे पटाखों और टेंप्रेचर चेंज होने की वजह से पेशेंट्स की तादाद काफी बढ़ी है। पटाखों में मिले केमिकल एटमॉस्फियर में मिल कर यह परेशानी पैदा कर रहे हैं, वहीं फॉग गिरने की वजह से यह लोगों तक आसानी से पहुंच जा रहे हैं।
- डॉ। संदीप श्रीवास्तव, फिजिशियन