- हजारों किसानों के नहीं खुल सके हैं अकाउंट

- शासन की चिट्ठी से हड़कंप, नपेंगे कर्मचारी

GORAKHPUR: आपदा प्रभावित किसानों के घाव पर मरहम लगाने में जिला प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। सूखा प्रभावित किसानों को दी जाने वाली आपदा राहत रास्ते में अटक गई है। जहां किसान अभी पिछले साल के नुकसान की भरपाई के लिए भटक रहे हैं वहीं सरकार की ओर से जारी बजट वापस होने की कगार पर है। 31 मार्च तक आपदा राहत की रकम किसानों में बांटने के सरकारी आदेश के बावजूद अब तक हजारों किसानों के बैंक अकाउंट तक नहीं खुलवाए जा सके हैं।

10 हजार से अधिक को मदद

जिले के किसान बाढ़ और सूखे का सामना कर रहे हैं। वर्ष 2015 में किसानों की फसल सूखे की चपेट में आ गई थी। तब प्रदेश सरकार ने किसानों को मुआवजा देने का ऐलान किया था। जिला प्रशासन की ओर से सर्वे कर सूखा प्रभावित किसानों की लिस्ट तैयार की गई। जिससे करीब 10 हजार किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद थी। इसके लिए प्रदेश सरकार ने साढ़े चार करोड़ रुपए का बजट जारी किया। लेकिन स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड से जारी पैसे का उपयोग जिले में नहीं हो सका।

31 मार्च तक देनी होगी सूचना

प्रदेश के 21 जिलों में किसानों को आपदा राहत का रकम दी जानी है। इसमें गोरखपुर जिला भी शामिल है। 15 जनवरी को प्रमुख सचिव सुरेश चंद्रा ने सूखा प्रभावित जिलों के डीएम को पत्र भेजकर फंड वितरित करने को कहा था। इसके बावजूद जिले में इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। अब प्रमुख सचिव ने सभी जिलों को 31 मार्च तक रकम का वितरण करके सूचना देने के निर्देश दिए हैं।

बिना अकाउंट कैसे आए पैसा

आपदा राहत के तहत किसानों के बैंक अकाउंट खुलवाकर उनमें पैसे डायरेक्ट ट्रांसफर करने के निर्देश दिए गए थे। जिसमें कहा गया था कि प्रभावित लोगों की सूची ग्राम पंचायत के नोटिस बोर्ड पर चस्पा की जाए। सूची चस्पा करने के बाद पंचायत की अगली बैठक में सूची पढ़कर सुनाई जाए। लेकिन निर्देश के बाद भी जिले में किसानों के बैंक अकाउंट नहीं खुल सके। इससे धनराशि के वितरण में परेशानी खड़ी हो गई है।