गोरखपुर (ब्यूरो)। वहीं, हेल्पलाइन नंबर 139 पर सबसे ज्यादा शिकायतें आईं। बताया गया है कि कुल 11,400 शिकायतों में 7500 शिकायतें सिर्फ हेल्पलाइन नंबर 139 पर आईं। वहीं, दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा वेब पोर्टल पर कुल 1800 शिकायतें मिली हैं, जिनका चंद मिनटों में निस्तारण का दावा है। तीसरे नंबर पर रेल मदद एप पर 1100 शिकायतें आईं, जिसका निस्तारण किया गया। इन सभी प्लेटफार्म पर आए शिकायतों के निस्तारण के लिए 19 मिनट का वक्त दर्ज किया गया।

सितंबर में 11,400 शिकायतें

बता दें, समय की मांग को देखते हुए और यात्रियों को इधर-उधर भटकना न पड़े, इसके लिए डिजिटल प्लेटफार्म पर शिकायतें भी ली जा रही हैं। एनई रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक सितंबर माह में कुल 11,400 शिकायतें आई हैैं। जिसे 19 मिनट में निस्तारण कर 60 प्रतिशत एक्सीलेंट, 20 प्रतिशत वेरी गुड और 10 गुड फीडबैक प्राप्त हुआ। वहीं 10 प्रतिशत ऐसे शिकायतकर्ता रहे, जिन्होंने शिकायतों के निस्तारण के फीडबैक में एवरेज मार्किंग की।

परिवाद पुस्तिका में नहीं होता इंट्रेस्ट

एनई रेलवे के स्टेशनों पर रखी गई परिवाद पुस्तिका भर नहीं पा रही, जबकि रेल मदद एप व हेल्पलाइन नंबर-139 पर लगातार शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। हेड क्वार्टर गोरखपुर जंक्शन के यात्री मित्र कार्यालय में रखी गई परिवाद पुस्तिका में प्रतिदिन लगभग तीन शिकायतें ही आती हैं। लेकिन शिकायतकर्ता का अब रुझान परिवाद पुस्तिका की तरफ नहीं है।

गोरखपुर में पिछले साल दर्ज हुईं सिर्फ 36 शिकायतें

परिवाद पुस्तिका में पिछले एक साल में सिर्फ 36 शिकायतें दर्ज हुई थीं। इस वर्ष जनवरी से अब तक तक महज 28 शिकायतें आई हैं। परिवाद पुस्तिका पर यात्री सर्वाधिक ट्रेनों की लेटलतीफी, गलत सूचना और वातानुकूलन की ही शिकायत दर्ज कराते हैं। नौ जनवरी 2023 को यात्री रामचंद्र विनायक ने गोरखपुर में परिवाद पुस्तिका में चौरीचौरा एक्सप्रेस की लेटलतीफी को लेकर शिकायत दर्ज की थी। उनका आरोप था कि ट्रेन रात 02.50 बजे रवाना हुई और उन्हें इसकी जानकारी 12.50 पर दी गई।

सितंबर माह में आईं कंप्लेन

- 139 हेल्पलाइन नंबर पर कंप्लेन - 7500

- रेलवे के वेबसाइट पर कंप्लेन - 1800

- सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक) पर कंप्लेन - 1,000

- रेल मदद एप - 1100

- डिजिटल प्लेटफार्म पर कुल कंप्लेन - 11,400

डिजिटल प्लेटफार्म पर इस तरह की आ रहीं कंप्लेन

- कैरेज एंड वैगन

- लगेज एंड पार्सल

- अनरिजव्र्ड टिकट

- इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स

- सेफ्टी संबंधी

- स्टाफ बिहैवियर

- रिफंड ऑफ टिकट

- पानी की उपलब्धता

- कैटेरिंग व वेडिंग

- मेडिकल ट्रीटमेंट

- पंक्चुअलिटी

- कोच मैनटेनेंस

रेलवे पूरी तरह से हाईटेक हो चुका है। यात्रियों की मूलभूत सुविधाओं के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े। इसके लिए डिजिटल प्लेटफार्म प्रोवाइड कराया गया है। यही वजह है कि अब चंद मिनटों में शिकायतों का निस्तारण कर दिया जाता है। सितंबर महीने में सबसे ज्यादा 139 हेल्पलाइन नंबर शिकायतें प्राप्त हुईं। जिसका 19 मिनट में ही निस्तारण भी किया गया।

पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे