गोरखपुर (ब्यूरो)। वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि जिन्हें 10 साल से डायबिटिक है या उनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है, उनमें हार्ट अटैक की आशंका बनी रहती है। इससे बचने के लिए उन्हें समय-समय पर हार्ट वाले पेशेंट की जांच कराते रहना चाहिए। इस स्टडी को जर्नल ऑफ एडवांस रिसर्च इन मेडिसिन, नई दिल्ली ने इसी माह पब्लिश की गई है।
69 में बढ़ा मिली बीएनपी
स्टडी में डायबिटिक के 284 ऐसे रोगी शामिल किए गए, जिनमें हृदय रोग या अन्य किसी बीमारी के कोई लक्षण नहीं थे। इनमें से 69 लोगों का बीएनपी (हार्ट फेल की जांच) बढ़ा हुआ मिला। इनमें से 53 का ईको जांच में इजेक्शन फ्रैक्शन नार्मल से भी कम मिला। इसमें 29 का मॉडरेट व 24 का रेड्यूज यानी खतरनाक स्तर पर था। विशेषज्ञों के अनुसार इसका मतलब हार्ट की पंपिंग काफी कम हो गई है और समय से जांच नहीं होती तो इन्हे कभी भी हार्ट अटैक की प्रॉब्लम हो सकती थी और सीधे ट्रॉमा सेंटर लेकर जाना पड़ता। इन सभी पेशेंट्स को या तो 10 साल से अधिक समय से डायबिटिक है या उनकी उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक है। सभी का डायबिटीज अनकंट्रोल था।
269 पेशेंट्स में शुगर अनकंट्रोल
दवा खाने के बाद भी 269 पेशेंट्स का शुगर अनियंत्रित था। सभी पेशेंट्स की एचवीए-1 सी (शुगर एवरेज) जांच कराई गई। 6.4 परसेंट तक यह सामान्य माना जाता है। इससे नीचे मात्र 15 लोगों का था। 210 पेशेंट्स का 6.5 से 9.5 परसेंट तक और 59 पेशेंट्स का 9.5 परसेंट से ज्यादा था।
इस आयुवर्ग के इतने पेशेंट हुए शामिल
उम्र पेशेंट की संख्या
40 से 60 136
61 से 80 142
80 से ऊपर 06
इतने साल से है इतने लोगों को डायबिटिक
बीमारी की अवधि पेशेंट
10-20 साल 224
21-30 साल 56
30 साल से अधिक 04
लंबे समय से शुगर अनियंत्रित हो या उम्र 60 साल से ज्यादा हो, ऐसे डायबिटिक पेशेंट्स को समय-समय पर वीएनपी व ईको जांच जरूर कराना चाहिए, ताकि शुरुआत में ही बीमारी पता चल सके और हार्ट अटैक होने की स्थिति से बचा जा सके।
-प्रो। डॉ। राजकिशोर सिंह, मेडिसिन विभाग, बीआरडी मेडिकल कॉलेज
जांच में जिनका शुगर लेवल अनियंत्रित था, उनका बीएनपी भी बढ़ा हुआ मिला। ऐसे लोगों की जब ईको जांच की गई तो चौंकाने वाली बात सामने आई। उनके हार्ट की पंपिंग काफी कम हो गई थी और लक्षण बिल्कुल नहीं थे।
-डॉ। अमित कुमार चौधरी, अध्ययनकर्ता