गोरखपुर (ब्यूरो) रामगढ़ताल के सुंदरीकरण कार्यक्रम में ताल के किनारे आकर्षक रेलिंग लगाने की योजना लटक गई है। करीब 4.50 करोड़ रुपए की इस परियोजना के लिए गोरखपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से टेंडर निकाला जा चुका है, लेकिन आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के बाद अब टेंडर नहीं खोला जाएगा। इस योजना को अब चुनाव की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद ही पूरा किया जा सकेगा। इस योजना के तहत पैडलेगंज से नौकायन तक ताल के किनारे आकर्षक रेलिंग लगाई जानी है। इसके साथ ही बैठने के लिए प्लेसमेंकिंग प्लाजा का निर्माण भी किया जाना है। पूरे रास्ते पर पांच प्लाजा बनाए जाएंगे। इस कार्य के लिए 24 जनवरी के बाद खुलना था।
10 जनवरी को खोला जाना था टेंडर
जीडीए कीे ओर से नगर निगम में शामिल हुए 32 गांवों में त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत भी काम कराए जा रहे हैं। 250 में से 224 कार्यो का टेंडर फाइनल हो चुका है। 26 कार्यो के लिए दोबारा टेंडर करना पड़ा। इसे 10 जनवरी को खोला जाना था। हालांकि जीडीए की ओर से निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर टेंडर खोलने की अनुमति मांगी जाएगी। त्वरित आर्थिक विकास से जुड़ी योजना होने एवं रिटेंडरिंग होने के कारण इसे अनुमति मिल जाने की उम्मीद है। इसी तरह जीडीए की आवासीय योजना गोरक्ष एन्क्लेव के लिए भी दोबारा टेंडर किया गया है। जीडीए वीसी प्रेम रंजन सिंह ने बताया कि त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत होने वाले कार्यो को अनुमति मिल सकती है। इसके लिए प्रयास किया जाएगा। इसी तरह गोरक्ष एन्क्लेव का भी दोबारा टेंडर किया गया है। उसके लिए भी अनुमति मांगी जाएगी।
टूरिज्म के 7 करोड़ के प्रोजेक्ट पर विराम
9 जनवरी को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद पर्यटन विभाग की करीब सात करोड़ रुपए की परियोजनाओं की प्रगति पर विराम लग गया है। इन परियोजनाओं का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका था। विभाग को उनकी स्वीकृति का बेसब्री से इंतजार था। इनमें करीब पांच करोड़ रुपए की लागत से गोरखनाथ मंदिर का पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की परियोजना भी शामिल है। अब अटक गई है।
अटका डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन और कंबल वितरण का कार्य
आचार संहिता लागू होते ही नगर निगम में 10 करोड़ रुपए का कार्य फंस गया। काशी की फर्म को दस हजार कंबल (35 लाख रुपए) खरीदने को लेकर सहमति बनी थी। कंबल सप्लाई घटिया होने की वजह से इसे लौटा दिए गए। मेयर सीताराम जायसवाल ने बताया कि कंबल खरीद टेंडर से हुई थी। कंबल का जो सैंपल दिखाया गया था, फर्म ने उस क्वालिटी का कंबल सप्लाई नहीं किया है। फर्म को ब्लैक लिस्टेड कर उसकी सुरक्षा राशि को जब्त किया जाएगा। चीफ इंजीनयर सुरेश चंद ने बताया कि आचार संहिता लगने की वजह से नये कंबल की खरीदारी नहीं की जा सकती है। वर्क ऑर्डर नहीं होने से काम नहीं होंगे। वहीं आचार संहिता से पहले ठेकेदारों को अनुबंध पत्र नहीं जारी कर सका। ऐसे में 10 करोड़ से अधिक के कार्य फंस गए हैं।