गोरखपुर (ब्यूरो)।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस कस्टडी में मौत के मामले में विवेचना अधिकारी और एसएसपी को पांच दिसंबर यानि सोमवार को तलब किया था। साथ ही व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया था। सोमवार को एसएसपी का कार्यभार एसपी सिटी ने संभाला। बताया गया कि सोमवार को एसएसपी हाईकोर्ट गए हैं।
छह अगस्त की है पूरी घटना
कोर्ट ने कहा था कि नौ अगस्त 2022 को मृतक के भाई की ओर से दर्ज एफआईआर में याची और गांव वालों पर चोरी के आरोप में उसके भाई को छह अगस्त को पीटने का आरोप लगाया गया है। इससे उसकी मौत होने की बात की गई है। दूसरी तरफ याची का कहना है कि 7 अगस्त 2022 को रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेशी के समय मृतक के शरीर पर चोट नहीं थी। तब 6 अगस्त 2022 को गांव वालों के पीटने से उसे कैसे चोटें आईं। यह विरोधाभास कैसे है। याचिका की सुनवाई पांच दिसंबर को होनी है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुरेश कुमार गुप्ता ने विक्रम सिंह की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया था।
पोस्टमॉर्टम में आई दस चोटें
याची ने पिपराइच थाने में एक एफआईआर धारा 457, 380 भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज कराई। विवेचना के दौरान 6 अगस्त 22 को पुलिस ने प्रमोद को गिरफ्तार किया। 7 अगस्त को रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। जहां पर 20 अगस्त की रिमांड ली। उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल न भेजकर पुलिस अभिरक्षा में रखा गया। 8 अगस्त 22 को उसकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसके शरीर पर 10 चोटें पाई गईं। इन्हीं चोटों के कारण मौत बताई गई है। पुलिस अभिरक्षा में मौत के बाद मृतक के भाई ने याची तथा गांव वालों के खिलाफ पिटाई करने से मौत का आरोप लगाया है। इससे विरोधाभास की स्थिति स्पष्ट करने के लिए एसएसपी व विवेचना अधिकारी को हाजिर होने का निर्देश दिया गया था। वहीं एसपी नार्थ मनोज अवस्थी ने बताया कि शंभूनाथ सिंह को सस्पेंड किया गया है।