गोरखपुर (ब्यूरो)।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वीसी प्रो। राजेश सिंह ने कहा कि 'यह वर्कशॉप नैक की ओर से प्रायोजित है। वर्कशॉप में रजिस्टर्ड 150 कॉलेजों को यूनिवर्सिटी की ओर से एग्जामिनेशन सेंटर बनाने और नए कोर्सेज की अनुमति देने में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही इनमें से 50 कॉलेजों को अपनाकर यूनिवर्सिटी नैक की तैयारी में उनकी मदद करेगी। नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में नैक और एनआईआरएफ रैंकिंग अनिवार्य होने जा रही है.' बता दें कि इस दो दिवसीय वर्कशॉप में पार्टिसिपेट करने के लिए कॉलेजों से 8,000 रुपए की फीस ली गई थी।
मल्टीडिसीप्लिनरी अप्रोच पर फोकस
चीफ गेस्ट संस्कृति यूनिवर्सिटी, मथुरा के वीसी प्रो। एमबी चेत्ति ने नैक द्वारा अपनाई गई मूल्यांकन एवं प्रत्यायन की प्रक्रिया की सराहना करते हुए कहा कि नैक के क्राइटेरिया तथा उनका प्रोफार्मा काफी सोच विचार के बाद तैयार किया गया है। उनकी गाइडलाइंस एकदम सरल है। एनईपी मल्टीडिसीप्लिनरी अप्रोच पर फोकस करती है और यूनिवर्सिटीज को सभी सब्जेक्ट्स जैसे आट्र्स, साइंस, कॉमर्स, इंजीनियरिंग, मेडिकल आदि में अपने आपको पूरी तरीके से तैयार करना होगा।
स्पेशल गेस्ट नैक, बैंगलौर के सीनियर कम्युनिकेशन एवं पब्लिकेशन ऑफिसर डॉ। वाहिदउल हसन ने कहा कि नैक मूल्यांकन एक आईने की तरह है। इससे आपकी कमियों, ताकत तथा चुनौतीयो का पता चलता है। उन्होंने बताया कि यूपी में बाकी राज्यों की तुलना में बहुत ही कम नैक एक्रेडिटेड संस्थाएं हैं। यहां कुल 8114 कॉलेजों में केवल 670 ही नैक एक्रेडिटेड है। कार्यक्रम की रूपरेखा और विषय की प्रस्तावना आईयूएसी डायरेक्टर प्रो। अजय सिंह ने रखी। संचालन प्रो। दिव्या रानी सिंह और धन्यवाद ज्ञापन प्रो। नंदिता आईपी सिंह ने किया। इस दौरान सभी सभी डीन, एचओडी, टीचर्स और कॉलेज प्रिंसिपल मौजूद रहे।