- डिग्री में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए डीडीयूजीयू ने बार कोड वाली डिग्री बनानी शुरू की

- बार कोड के जरिए देखी जा सकेगी स्टूडेंट की पूरी डीटेल

GORAKHPUR: अगर आपने डीडीयूजीयू या फिर संबद्ध कॉलेज से पढ़ाई की है तो फर्जी ढंग से अपनी डिग्री का इस्तेमाल करने की सोचिएगा भी मत। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने डिग्री में होने वाला फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बार कोड सिस्टम लागू कर दिया है। अब जितनी भी डिग्री बनाई जाएंगी, उनमें बार कोड लगाया जाएगा। इसके लिए परीक्षा सामान्य विभाग ने कवायद भी शुरू कर दी है।

बार कोड बताएगा डीटेल

यूनिवर्सिटी प्रशासन के सामने कई ऐसे मामले आए जिनमें फर्जी ढंग से मार्कशीट या डिग्री लगाकर कैंडिडेट्स नौकरी हासिल कर लेते थे। सैकड़ों मामलों में जांच-पड़ताल भी की गई। हाल ही में बैंक में फर्जीवाड़ा करने वाले गैंग ने भी डीडीयूजीयू की मार्कशीट लगाई थी। इस मामले में लखनऊ से सीबीआई टीम भी इंक्वॉयरी करने आई थी। मैनुअली जांच-पड़ताल में कई बार गलत पुष्टि हो जाती थी कि अप्लीकेंट डीडीयूजीयू का स्टूडेंट है, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। यूनिवर्सिटी की ओर से जारी डिग्री में अब बार कोड लगा हुआ मिलेगा। इसके जरिए कोई भी संस्था या व्यक्ति डीडीयूजीयू अप्लीकेंट्स का पूरा ब्यौरा जान सकेगा।

स्मार्टफोन एप स्कैन करेगा कोड

बार कोड से स्टूडेंट की जानकारी किसी भी स्मार्टफोन पर आसानी से देखी जा सकेगी। इसके लिए बार कोड एप डाउनलोड कर डिग्री के नीचे दिए बार कोड को स्कैन करना होगा। इसके तुरंत बाद स्टूडेंट का सीरियल नंबर और रोल नंबर शो करना शुरू कर देगा। साथ ही उसने कब ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया था, इसका भी पता चल सकेगा।

वर्जन

फर्जी मार्कशीट और डिग्री लगाकर खुद को डीडीयूजीयू का स्टूडेंट बताने के कई मामले सामने आए थे। इसीलिए अब दी जाने वाली डिग्रियों में बार कोड होगा। इसके जरिए स्टूडेंट की पूरी डीटेल पता चल जाएगी।

-डॉ। अमरेंद्र कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक, डीडीयूजीयू