- DDUGU की परीक्षाओं में अब होगा टाईबैक लिफाफे का प्रयोग

- एक बार खुलने के बाद फिर नहीं हो सकेगा सील, उभरकर आएगा 'ओपेन' वर्ड

GORAKHPUR: पेपर आउट होने पर अक्सर हंगामा होता है और एग्जाम कैंसिल करने तक की नौबत आ जाती है। कुछ लोगों के कारनामों के चलते दोबारा एग्जाम कराना पड़ता है और इस कारण सभी को दिक्कत होती है। डीडीयूजीयू ने पेपर आउट की प्रॉब्लम को दूर करने का उपाय ढूंढ लिया है। इसका प्रयोग नए सत्र के इंट्रेट एग्जाम में सफल भी रहा है। इसके बाद ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने निर्णय लिया है कि अब सभी एग्जाम में इसका यूज किया जाएगा। दरअसल, यूनिवर्सिटी प्रशासन टाईबैक लिफाफे का यूज करेगा जो एक बार खुलने के बाद फिर सील नहीं हो सकेगा।

साधारण लिफाफा, विशेष पैकिंग

टाईबैक नाम के इस अमेरिकी लिफाफे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली हुई है। प्रदेश में इस विशेष लिफाफे के इस्तेमाल पर अब तक केवल दो यूनिवर्सिटीज ने रूचि दिखाई है। जिसमें डीडीयूजीयू यूनिवर्सिटी भी एक है। देखने में तो यह साधारण लिफाफा जैसा ही है लेकिन इसकी पैकिंग खास है। जब तक लिफाफा बंद रहेगा तब तक उसकी विशेषता का आभास नहीं होगा। लेकिन जैसे ही इसे खोला जाएगा या खोलने की कोशिश की जाएगी, तत्काल उस पर ओपन शब्द उभर कर सामने आ जाएगा।

प्रश्नपत्रों की होगी सुरक्षा

लिफाफे के निर्माण में प्रश्न पत्रों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है। एक बार प्रश्न पत्र को लिफाफा में डालने के बाद वह खुलने तक पूरी तरह से सुरक्षित होगा। यूनिवर्सिटी अब से होने वाली सभी परीक्षाओं में इसी लिफाफे में प्रश्न पत्र भेजने की तैयारी में है। यूनिवर्सिटी सूत्रों की मानें तो इस नए इंतजाम से परीक्षा केंद्रों पर पेपर आउट किए जाने की कोशिशों पर लगाम लगेगी।

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कई बार हो चुका है पेपर आउट

डीडीयूजीयू में 2012 की वार्षिक परीक्षा के दौरान बीए फ‌र्स्ट इयर अंग्रेजी, बीए थर्ड इयर का समाजशास्त्र और बीकॉम सेकेंड इयर का एक पेपर आउट हो गया था। तब यूनिवर्सिटी की कार्य प्रणाली पर सवाल उठे थे। सीबीसीआईडी ने मामले की जांच की। इसी तरह 2016 में भी कुशीनगर के एक कॉलेज में परीक्षा पूर्व कॉपियां लिखे जाने और रूद्रपुर में एक कॉलेज द्वारा तय तिथि से एक दिन पहले ही परीक्षा लेने की शिकायत मिली थी।

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