- डीडीयूजीयू के हास्टल और लाइब्रेरी में लगने वाले वाई-फाई पर लगा है ग्रहण
- बजट और एप्रूवल के बाद फिर से है सरकार के आदेश का इंतजार
GORAKHPUR: सर दिसंबर आ गया, लेकिन अभी तक डीडीयूजीयू के गौतमबुद्धा हास्टल वाई-फाई से लैस नहीं हुआ है। यह कहना है कि रिसर्च स्कॉलर चंद्रभूषण तिवारी का। जबकि प्रदेश सरकार का आदेश था कि जल्द से जल्द रिसर्च स्कॉलर्स के लिए वाई-फाई की सुविधा मुहैया कराई जाए। लेकिन डीडीयूजीयू एडमिनिस्ट्रेशन के उदासीन रवैये के चलते आज भी रिसर्च स्कॉलर्स इंटरनेट जैसी फैसिलिटी से वंचित हैं। हालांकि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन का दावा है कि जल्द ही वाई-फाई सिस्टम से लैस कर दिया जाएगा।
सीएम ने की थी घोषणा
दरअसल, पिछले साल ख्0क्फ् मार्च साइंस कांग्रेस सम्मेलन में आए सीएम अखिलेश यादव ने यह घोषणा की थी कि जल्द से जल्द डीडीयू के सभी हास्टल और लाइब्रेरी को वाई-फाई से लैस किया जाएगा। ताकि स्टूडेंट्स फ्री ऑफ कॉस्ट इंटरनेट का लाभ ले सकें। इसके लिए शासन की तरफ से ख्.भ्0 करोड़ रुपए के बजट की घोषणा भी की गई थी।
मॉडम तक नहीं लगे
इस घोषणा के बाद ही डीडीयूजीयू के गौतमबुद्धा और अलकनंदा गर्ल्स हास्टल को पहले फेज के लिए प्वाइंट आउट किया गया। क्भ् अगस्त तक इन दोनों हास्टल में वाई-फाई के मॉडम भी लगाए जाने थे, लेकिन दिसंबर आ गया, अभी तक वाइ-फाई की कौन पूछे, इसे लगाए जाने को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन के बीच कोई हलचल ही नहीं है और न ही इस मुद्दे पर कोई आला अधिकारी अपनी जुबान खोल रहा है।
साइबर कैफे की लेनी पड़ती है मदद
वहीं हास्टलर्स की माने तो इंटरनेट के इस युग में अगर स्टूडेंट्स इंटरनेट जैसे सुविधाओं से वंचित हैं तो फिर वह कहां से हाईटेक हो सकेंगे। गौतमबुद्धा हास्टल में रहने वाले रिसर्च स्कालर्स बताते हैं कि थिसिस के लिए उन्हें आज भी साइबर कैफे की मदद लेनी पड़ती है। इसके लिए उन्हें हजारों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। अगर इंटरनेट की सुविधा मुहैया हो गई होती तो उनका समय और धन दोनों की ही बचत होती।
पहले फेज में
- गौतमबुद्धा हास्टल (फॉर रिसर्च स्कॉलर्स)
- अलकनंदा हास्टल (फॉर फीमेल्स)
सेकेंड फेज में
- स्वामी विवेकानंद हास्टल (लॉ स्टूडेंट्स)
- संतकबीर हास्टल (फॉर पीजी स्टूडेंट्स)
- एनसी हास्टल (फॉर यूजी स्टूडटें्स)
- महारानी लक्ष्मी बाई हॉस्टल (फॉर फीमेल्स)
वाई-फाई लगाए जाने का प्रोसेज हमारी तरफ से कंप्लीट कर लिया गया है। जिसे वाई-फाई लगाने का काम दिया गया था, उसने काम बंद कर दिया है। इसकी सूचना भी सरकार को भेज दी गई है। सरकार के आदेश के बाद ही हम आगे कदम उठाएंगे।
प्रो। अशोक कुमार, वीसी, डीडीयूजीयू