- यूनिवर्सिटी के आवास हुए खस्ताहाल, शिकायत के बाद भी नहीं होती कोई सुनवाई
- कहीं छत से गिर रहा है प्लास्टर, तो कहीं पड़ गई है दरार
GORAKHPUR: डीडीयूजीयू के कर्मचारी, टीचर्स के साथ ही हॉस्टलर्स खतरे में हैं। व्यवस्थाओं के प्रति यूनिवर्सिटी प्रशासन की उदासीनता से परेशान लोगों को अब तक राहत नहीं मिल सकी है। आवासों और हॉस्टल्स की बिल्डिंग्स बेहद जर्जर हो चुकी हैं। आए दिन कहीं ना कहीं प्लास्टर गिरने की शिकायतें आती रहती हैं। वहीं कई जगह दीवारों में दरार भी आ चुकी है। कई बार शिकायत के बाद भी जिम्मेदार इस समस्या से निजात दिलाने में नाकाम हैं।
सोने में लगता है डर
हीरापुरी कॉलोनी स्थित कर्मचारी आवास की बिल्डिंग बुरी तरह जर्जर हो चुकी है। पिछले पांच साल से यहां रह रहे कर्मचारियों की मानें तो उनके घरों की छत के प्लास्टर पूरी तरह उखड़ चुके हैं। कई बार तो रात को अचानक प्लास्टर गिरने की घटनाएं भी हो चुकी हैं। कुछ ऐसा ही हाल हीरापुरी कॉलोनी में ही स्थित टीचर्स क्वार्टर की भी है। लोगों की मानें तो बिल्डिंग की सही ढंग से मरम्मत ना होने के कारण ये हाल हुआ है। इसके लिए कई बार जिम्मेदारों से कहा भी जा चुका है, लेकिन अब तक हालत जस की तस है।
हॉस्टलर्स का भी जीना मुहाल
डीडीयूजीयू के छह हॉस्टल्स में कुछ महीने पहले रिपेयरिंग का काम शुरू हुआ, लेकिन दो गर्ल्स और एक ब्वॉयज हॉस्टल के अलावा बाकी के हॉस्टल्स में अब की काम अधूरा पड़ा हुआ है। एनसी हॉस्टल के स्टूडेंट्स इस संबंध में कई बार आवाज भी उठा चुके हैं, लेकिन कोई सुधि लेने वाला नहीं है। हालांकि इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट का दावा है कि रिपेयरिंग के लिए बजट का प्रस्ताव बनाकर शासन लेवल पर भेजा गया, लेकिन अभी तक एप्रूवल नहीं हो सका है। इसी कारण काम पूरा नहीं हो सका।
मेरे सिर पर कई बार ईट गिर चुकी है। अक्सर डर बना रहता है कि ना जाने कब ईंट गिर जाए। कई बार रिपेयरिंग के लिए कहा जा चुका है, लेकिन कोई अधिकारी झांकने तक नहीं आता है।
तुलसी देवी, कॉलोनीवासी
यह क्वार्टर रामसिंहासन के नाम से अलॉट है। बेड रूम का प्लास्टर अक्सर गिरता रहता है। घर में छोटे बच्चे और बुजुर्ग हैं। हमेशा डर बना रहता है कि ना जाने कब बेड पर प्लास्टर गिर जाए। हम जान जोखिम में डालकर रहने को मजबूर हैं।
पुष्पा, कॉलोनीवासी
सीलिंग का प्लास्टर गिरने से मेरे सिर में चोट लग चुकी है। इसके लिए इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में शिकायत भी की है, लेकिन कभी कोई अधिकारी नहीं आया।
किरण उपाध्याय, कॉलोनीवासी
बिल्डिंग की मरम्मत के लिए बजट तैयार कर लिया गया था। कई बार उच्च अधिकारियों को भेजा भी गया है। बजट मिलते ही रिपेयरिंग शुरू हो जाएगी।
श्रवण कुमार, इंजीनियर, डीडीयूजीयू इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट