गोरखपुर (ब्यूरो)। गोरखपुर में हादसों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार प्रयास करने का दावा किया जा रहा है। संबंधित विभाग के जिम्मेदार ब्लैक स्पॉट पर सुधार करने की बात करते हैं। इसके बाद भी हादसों वाली जगह में सुधार की गति बेहद धीमी है। बताते चलें कि पीब्डल्यूडी डिपार्टमेंट ब्लैक स्पॉट चिन्हित करता है। सूत्रों का कहना है कि जिन लोगों को ब्लैक स्पॉट चिन्हित करने की जिम्मेदारी दी गई है, वह संबंधित थानों से सबसे ज्यादा हादसा होने की जानकारी जुटा रहे हैं और उन्हें ब्लैक स्पॉट घोषित कर देते हैं। जबकि उन्हें उन स्थानों पर भी जाना चाहिए, जहां हादसों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन वे भी आवाजाही के लिए घातक हैं। यदि ऐसा हो तो ब्लैक स्पॉट की संख्या काफी ज्यादा होगी।
मांगी गई थी रिपोर्ट
दो दिसंबर को विकास भवन सभागार में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में डीएम ने पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई और परिवहन विभाग के जिम्मेदारों को 10 दिन के अंदर ब्लैक स्पॉट पर सुधारात्मक कार्यवाही करने की रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे। लेकिन इन स्पॉट का सुधार नहीं किया जा सका। जिम्मेदार सिर्फ प्रस्ताव बनाकर बजट की डिमांड करने का दावा करने लगे। हालांकि ब्लैक स्पॉट की स्थिति अभी जस की तस बनी हुई है।
10 दिन का दिया अल्टीमेटम
दो फरवरी को विकास भवन सभागार में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में एडीएम सिटी विनीत कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान पीडब्ल्यूडी की ओर से जिले में चिन्हित सभी 10 ब्लैक स्पॉट पर 10 दिनों के अंदर सुधारात्मक कार्यवाही करने के लिए अफसरों को निर्देश दिए गए हैं। संबंधित विभाग का दावा है कि चिन्हित ब्लैक स्पॉट का सर्वे किया जा रहा है। इसके लिए बजट की डिमांड की जा रही है। बजट मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।

ये है ब्लैक स्पॉट
नौसड़
कालेसर
बोक्टा
दाना-पानी सहजनवां
भीटी रावत सहजनवां
कसरौल
कसिहार बगहाबीर मंदिर
मरचाहे कुटी रावतगंज
चौमुखी कैंपियरगंज
-निबिहवा ढाला
-फुटहवा इनार


ब्लैक स्पॉट पर सुधारात्मक कार्यवाही के लिए संबंधित अफसरों को 10 दिन की मोहलत दी गई हैं। अगर वह इस दौरान ब्लैक स्पॉट पर कार्य पूरा नहीं करते हैं और यदि एक्सीडेंट होता है तो उनकी जिम्मेदारी होगी। इसके बाद लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी।
- विनीत सिंह, एडीएम सिटी