- हड़हवा रेलवे क्रॉसिंग पचपेड़वा चकसा हुसैन के पास रेलवे लाइन किनारे जलजमाव, ट्रैक पर खतरा
GORAKHPUR: सिटी के हड़हवा रेलवे क्रॉसिंग पचपेड़वा चकसा हुसैन के पास पूरे साल जलजमाव के कारण ट्रैक के नीचे की जमीन खिसकने लगी है। जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण बरसात व एरिया का सारा पानी रेलवे की जमीन में जमा हो रहा है। इससे आसपास रहने वाले लोगों को भी संक्रामक बीमारियों का खतरा पैदा हो गया है। वहीं कुछ दबंग इस पानी में मछलीपालन करने लगे हैं।
हो सकता है ट्रेन हादसा
यहां रेल लाइन के किनारे करीब एक किलोमीटर तक रेलवे की जमीन पर कब्जा हो गया है। इतना ही नहीं पूरे साल लगने वाले पानी की वजह से आसपास के दबंगों ने यहां मछलीपालन का काम शुरू कर दिया है। इससे यहां रेल लाइन के किनारे रहने वाले लोगों का सिर्फ रास्ता ही नहीं बंद है, बल्कि लगातार पानी लगे रहने से रेल ट्रैक भी धंस सकता है। ऐसी स्थिति में ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो सकती है।
तो रेलवे को खबर नहीं
रेलवे लाइन के दोनों ओर 50 मीटर तक की जमीन रेलवे की होती है। रेलवे की इस जमीन पर कब्जा कर कई वर्षो से मछली पालन किया जा रहा है लेकिन अभी तक रेलवे की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। लोगों का कहना है कि रेलवे को अभी तक इस बारे में पता ही नहीं है। जलजमाव के कारण मिट्टी कट रही है और कभी भी रेलवे ट्रैक भी धंस सकता है।
कॉलिंग
यहां पूरे साल गंदा पानी लगा होता है। बरसात में तो आना-जाना भी बंद हो जाता है। कुछ लोगों द्वारा यहां मछली पालन का काम भी शुरू कर दिया गया है। मछलियों को चारा देने के लिए इसमें सड़ा मांस, मुर्गे का पंख आदि लोग डाल रहे हैं। इससे महामारी फैल रही है।
नीलम, स्थानीय निवासी
इसके लिए कई बार कोशिश की गई, लेकिन रेलवे की जमीन होने की वजह से इसपर कोई ध्यान नहीं देता। अब इसमें मेरे स्तर से क्या किया जा सकता है। नगर निगम से कई बार बात की गई। अब स्थानीय लोगों के साथ रेलवे जीएम से मिलकर इस समस्या पर बात करेंगे।
ज्ञानमति देवी, स्थानीय पार्षद
रेलवे की जमीन पर दबंगों द्वारा लगातार कब्जा किया जा रहा है, लेकिन रेल प्रशासन इसपर ध्यान नहीं देता। इससे रेलवे की लाइन तो खराब हो ही रही है, साथ ही हम लोगों का जीना भी दुभर हो गया है। गंदे पानी से होकर जाने से लगातार हमारे बच्चे बीमार पड़ रहे हैं।
नरेश, स्थानीय निवासी
कई साल से इस समस्या के समाधान की मांग की जा रही है, लेकिन इसे दुरुस्त कराना छोडि़ए, अब तो यहां मछली पालन का काम शुरू हो गया है। हम लोगों को रास्ता देने के लिए रेलवे को दिक्कत हो रही है, लेकिन जो दबंग मछली पालन का काम कर रहे हैं, उनपर रेलवे की नजर नहीं जाती।
परमात्मा, स्थानीय निवासी
बॉक्स
महामारी का भी खतरा
इतना ही नहीं यहां कोई रोड नहीं होने के कारण लोगों को जमुनहिया इलाके से आ रहे गंदे पानी में से होकर जाना पड़ता है। साथ ही गंदे पानी में दबंगों द्वारा मछली पालने की वजह से इसमें सड़े-गले मांस आदि डाले जा रहे हैं। जिससे कि इस एरिया में महामारी फैलने की आशंका बढ़ती जा रही है। छोटे बच्चों से लेकर बड़े- बुजुर्ग तक को इस गंदे पानी से ही होकर जाना पड़ रहा है। स्थानीय पार्षद व आसपास के लोग इस समस्या से निजात के लिए लगे तो हैं लेकिन जमीन नहीं होने के कारण न तो नाला बन रहा है और न ही रोड।
5 हजार लोग हैं परेशान
लगातार गंदा पानी जमा रहने के कारण यहां से होकर गुजरने वाले करीब 5 हजार से अधिक लोग परेशान हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि भले ही रेलवे की ओर से हम लोगों को रास्ता न मिले लेकिन यदि गंदा पानी भी हटा दिया जाए तो बड़ी राहत होगी। रेलवे लाइन के उस पार स्कूल जाने के लिए बच्चों को पानी से होकर जाना पड़ता है। इससे रोज कुछ बच्चे पानी में गिरते हैं।
वर्जन
मछलीपालन के लिए रेलवे की जमीन पट्टे पर दी जाती है लेकिन इसके नियम-कायदे हैं। यह मछलीपालन किस तरह हो रहा है, इसकी जांच कराई जाएगी। यदि यह अवैध तरीके से किया जा रहा है तो कार्रवाई की जाएगी।
- संजय यादव, सीपीआरओ, एनईआर