गोरखपुर (ब्यूरो)। स्कूल का कंप्यूटर टीचर यानी साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट इस क्लब का नोडल होगा। स्कूल की हर क्लास और सेक्शन के स्टूडेंट्स को क्लब में जोड़ा जाएगा। स्कूलों में एक्टिविटी और एक्सपर्ट की वर्कशॉप के जरिए साइबर क्राइम अवेयरनेस प्रोग्राम आर्गनाइज कराने होंगे। स्कूल को क्या-क्या करना होगा ये जानकारी बोर्ड की ओर से स्कूलों को भेजी गए सर्कुलर में बताया गया है।
साइबर अपराध की चपेट में आ रहे युवा
सर्कुलर में सीबीएसई ने स्कूलों को अगाह किया है कि युवा तेजी से साइबर क्राइम की चपेट में आ रहे हैं। डिजिटल टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन सेवाएं हर कोई यूज कर रहा है, जो कि बेहद जरूरी भी है। ऐसे में साइबर हमलों के मामले भी बढ़े हैं। अवेयरनेस बढ़ाने और साइबर खतरों से निपटने में एजुकेशन महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए अब बेहद जरूरी हो गया है कि स्कूलों में स्टूडेंट्स को डिजिटल हाईजीन और संभावित साइबर खतरों के बारे में अच्छी तरह बताया जाए।
केंद्र सरकार ने अवेयरनेस के लिए उठाए कदम
भारत सरकार ने गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर क्राइम समन्वय केन्द्र (14 सी) की स्थापना की है। अवेयरनेस फैलाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए जाएंगे। जिनमे एसएमएस के जरिए मैसेज भेजना, टिवटर (@Cyberdost), फेसबुक (CyberDostlyC), इंस्टाग्राम (cyberdostiyc) और टेलीग्राम पर (cyberdostiyc) जैसे अकाउंट बनाए गए हैं। जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साइबर क्रिमिनल्स की मॉडस अर्पेंडी के बारे में बताकर यूजर को अवेयर करते हैं। इसको देखते हुए बोर्ड ने स्कूलों में साइबर क्लब बनाने का प्लान तैयार किया है।
ओएसिस पोर्टल में भरा जाएगा नोडल का नाम
स्कूलों में साइबर क्लब बनाकर उसके नोडल यानी टीचर डिजिटल हाईजीन और टेक्निकल जानकारी देंगे। साथ ही सीबीएसई ओएसिस पोर्टल में कंप्यूटर टीचर यानी साइबर सिक्योरिटी के एक्सपर्ट का नाम और डिटेल भरना होगा। सीबीएसई की ओर से नामित टीचर के जरिए ही स्कूलों को सलाह और साइबर सुरक्षा के टिप्स नियमित रूप से स्कूल में भेजे जाएंगे।
स्कूलों के लिए जरूरी बातें
। स्कूलों में साइबर एक्सपर्ट की वर्कशॉप करानी होगी
। स्टूडेंट के लिए हैंड्स-ऑन एक्टिविटी और उन्हें साइबर सिक्योरिटी में कॅरियर के बारे में बताना होगा
। स्कूल में कंप्यूटर लैब है, उसमे ओपेन लिंक के जरिए ट्रेनिंग दी जा रही है
। स्कूल में एक ऐसा स्पेस होना चाहिए जहां पर साइबर अवेयरनेस से जुड़ी न्यूज या तस्वीरें लग सके
। साइबर क्राइम और साइबर अवेयरनेस जैसे सब्जेक्ट पर स्टूडेंट्स द्वारा नाटक का आयोजन
। स्टूडेंट्स को प्रोत्साहित करते हुए साइबर क्विज, कंपटीशन और हैकथॉन का आयोजन
। क्विज विनर या साइबर अवेयरनेस प्रोग्राम में एक्टिव स्टूडेंट को स्कॉलर बैज से सम्मानित किया जाए
। साइबर सुरक्षा एवं रोकथाम पर क्षेत्रीय भाषाओं में समाचार पत्र का प्रकाशन
। स्टूडेंट से नए आईडियाज को इनवाइट करने के लिए कंटेंट को इंफोग्राफिक्स और इंटरएक्टिविटी के साथ इंट्रेस्टेंड और एग्जामपल तरिके से प्रेजेंट करना होगा
। असेंबली के दौरान स्टूडेंट्स से रेग्युलर साइबर टिप्स शेयर किए जाएं
। साइबर क्लब के मेंबर्स के सक्रिय भागीदारी से मास अवेयरनेस कैंप का आयोजन
। स्कूलों में ऐसे चित्र लगाए जाएं, जिन्हें देखकर स्टूडेंट साइबर सुरक्षा के लिए क्या करें या क्या ना करें जान सकें
सीबीएसई साइबर क्राइम से बच्चों बचाने के लिए नई पहल की ह। अब हर स्कूल में साइबर क्लब बनाए जाएंगे। स्कूल के कंप्यूटर टीचर जो साइबर सिक्योरिटी का जानकार होगा, उसे क्लब का नोडल बनाया जाएगा। ओएसिस पोर्टल पर उसका नाम भी भरा जा रहा है।
डॉ। सलील के श्रीवास्तव, डिस्ट्रिक ट्रेनिंग कोआर्डिनेटर