- पुलिस लाइन में हुई वर्कशॉप में साइबर क्राइम से निपटने के बताए उपाय
- पिछले कुछ दिनों में गोरखपुर में हो चुकी हैं ऑनलाइन फ्रॉड की
GORAKHPUR: गोरखपुर में आए दिन बढ़ते साइबर क्राइम की घटनाओं ने सबको परेशान कर रखा है। इससे बचने के लिए पुलिस प्रशासन से लेकर बुद्धिजीवी तक जागरुकता फैला रहे हैं, फिर भी लोग झांसे में आ जा रहे हैं। शनिवार को पुलिस लाइन में आयोजित वर्कशॉप में साइबर क्राइम से बचने के उपाय एक्सपर्ट ने सुझाए। पुलिस कर्मचारियों के साथ-साथ पब्लिक भी इन उपायों को अपनाकर खुद को साइबर क्राइम के खतरों से सुरक्षित रख्ा सकेगी।
इस तरह के मामले आ रहे सामने
- एटीएम का पासवर्ड पूछकर बैंक अकाउंट से रुपए निकालने
- फर्जी ईमेल आईडी बनाकर किसी के नाम का दुरुपयोग करने
-फेसबुक अकाउंट पर छेड़छाड़, अश्लील फोटो और वीडियो अपलोड करके परेशान करना
- ऑनलाइन शापिंग के जरिए ठगी करके ग्राहकों को चूना लगाने
- सोशल मीडिया में तस्वीर वायरल कर ब्लैकमेल करने की धमकी देने की शिकायतें
एटीएम के दुरुपयोग में ऐसे करें बचाव
- पेट्रोल पंप, रेस्टोरेंट में डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड में भुगतान अपने सामने करें। अन्यथा कार्ड की क्लोनिंग करके डुप्लीकेट कार्ड तैयार किया जा सकता है।
- फोन पर बैंक डिटेल, पिन कोड किसी को न बताएं। बैंक की ओर से किसी के अकाउंट के संबंध में जानकारी नहीं मांगी जाती है। इस तरह की कोई कॉल न आने पर जानकारी शेयर न करें। इस तरह के काल फर्जी होती है। पिन कोड, पासवर्ड पूछकर जालसाज एकाउंट से नकदी निकाल लेते हैं।
- एटीएम का पिन नंबर हमेशा याद रखें, डायरी, एटीएम कार्ड के कवर पर कोई पासवर्ड या जानकारी न लिखें।
आनलाइन शॉपिंग में ये बरतें सावधानी
- ऑनलाइन शो करने वाले विज्ञापनों को कतई क्लिक न करें।
- साइबर कैफे से टिकटों की बुकिंग, आनलाइन शापिंग के लिए कोई बुकिंग न करें। यहां पर कार्ड की डिटेल, पिन नंबर, पासवर्ड के लीक होने का खतरा रहता है।
सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर रखें ख्याल
- सोशल साइट्स पर अजनबियों से मित्रता कतई न करें। कई बार फर्जी प्रोफाइल के जरिए छिपी हुई सूचनाओं को निकालने की कोशिश होती है।
- अपने फेसबुक की प्राइवेसी सेटिंग से टाइमलाइन, टैगिंग के आप्शन को हमेशा आन करके रखें। इससे आपकी अनुमति के बिना कोई व्यक्ति आपत्तिजनक पोस्ट टैग नहीं कर पाएगा।
- फेसबुक का पासवर्ड कम से कम 10 अंकों का बनाएं जिससे कॉमन चीजें न हों। मोबाइल नंबर, जन्मतिथि, नाम, वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर सहित अन्य कामन चीजें न डालें। बल्कि स्पेशल कैरेक्टर, कुछ डिजिट, कैपिटल एवं स्माल अल्फाबेट्स का कंबिनेशन यूज करें।
- अक्सर फेसबुक पर लोग हैप्पी बर्थडे टू माई मदर, पोस्ट करके उसे अपने मदर के अकाउंट से टैग कर देते हैं। इससे साइबर क्रिमिनल को काफी हद तक जानकारी मिल जाती है।
- सिक्योरिटी क्वेचन्स को अलग बनाए। व्हाट इज योर मदर मैडेन नेम जैसे शब्द सिक्योरिटी ऑप्शन में काफी पापुलर हैं। इनसे प्राइवेसी को खतरा होता है।
- अपने फेसबुक अकाउंट पर ओटीपी ऑप्शन, अकाउंट सेटिंग से ऑन करके रखें। इससे फेसबुक अकाउंट तभी खुलेगा। जब आप रजिस्टर्ड मोबाइल पर आए ओटीपी को फीड करेंगे। इस प्रकार से अकाउंट हैक नहीं होगा।
- साइट पर अपनी लोकेशन, छुट्टियों पर जाने की जानकारी, फोटो वैकेशन के दौरान न डालें। इससे बदमाशों, चोरों को घर खाली होने के बारे में जानकारी मिल जाती है।
वेबसाइट्स के वैधता की जानकारी
- वेबसाइट खोलने के लिए हमेशा वेबसाइट का पता यूआरएल में टाइप करें। किसी अन्य वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक वेबसाइट पर न खोलें।
- वेब साइट के शुरूआत में हरे रंग का लॉक और एचटीटीपी के बाद एस लगा हो तो वेबसाइट सुरक्षित होती है। इसे ओपेन करने में कोई रिस्क नहीं होता है।
वर्जन
हर व्यक्ति टेक्नॉलाजी का यूज कर रहा है। जानकारी के अभाव में कई बार लोग अपनी इनफारमेशन शेयर कर देते हैं। इससे लोग वारदातों के शिकार हो जा रहे हैं। आनलाइन शॉपिंग, एटीएम फ्राड, सोशल मीडिया पर होने वाले अपराध को सावधानी बरतकर रोका जा सकता है।
मोहित अग्रवाल, आईजी जोन