गोरखपुर (ब्यूरो)।सोमवार शाम सराफा पदाधिकारियों की शिकायत पर राजघाट पुलिस ने छापेमारी कर इस खेल का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने इस मामले में अमर जोहरी नामक एक आरोपित को अरेस्ट किया है। वह दोहरीघाट, मऊ कर रहने वाला है। यहां घंटाघर स्थित पुष्कर ज्वेलर्स नाम से दुकान चलाता है। उसके पास से पुलिस ने 12.50 किलोग्राम नकली सोने की ज्वेलरी भी बरामद की है। आरोपित पर केस दर्ज कर जेल भ्ेाज दिया गया है।
फर्जी थी हॉलमार्किंग
पुलिस पूछताछ में आरोपित ने बताया, मेरठ व हापुड़ से सोना लाकर अमर जौहरी उर्फ अमरनाथ वर्मा छह माह से हेराफेरी कर रहा था। गोल्ड में धातु मिक्स कर ज्वेलरी बनाता था और साथ में फर्जी हॉलमार्किंग भी करता था। वहीं, कस्टमर्स को हॉलमार्क दिखाकर विश्वास में लेता था। वह शाहपुर क्षेत्र में वह किराये पर परिवार के साथ रहता है। असुरन चौराहे के पास उसके भाई की दुकान है।
सहारनपुर में ऐसा हो चुका केस
बीआईएस टीम ने सहारनपुर में नकली सोने की ज्वेलरी पर 22 कैरेट सोने का हॉलमार्क लगाए जाने की चोरी पकड़ी थी। सहारनपुर में चार सेंटर को इस कार्य का लाइसेंस मिला था। इनमें से एक लाइसेंस हीरागंज बाजार स्थित महालक्ष्मी सेंटर के नाम से था। पोर्टल पर यह सेंटर काम नहीं कर रहा था, लेकिन शटर के पीछे से इस सेंटर में मिलावटी और फर्जी सोने के आभूषणों पर हॉलमार्क का ठप्पा लगाया जा रहा था।
धोखाधड़ी से बचाएगा एप
सरकार बीआईएस केयर एप पर जोर दे रही है, ताकि कस्टमर गोल्ड की गुणवत्ता और शुद्धता की जांच कर सकें। एप में यूजर्स को कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। इस एप की मदद से आप अपने सोने के गहनों की शुद्धता जांचने के साथ-साथ उन सभी चीजों की गुणवत्ता की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं, जिन पर बीआईएस मार्क का इस्तेमाल होता है। आप इस एप के जरिए ही शिकायत भी दर्ज करा सकते हैं।
एप में सुविधाएं और फीचर्स
- बीआईएस यानी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के मोबाइल एप में आप अपने सामान की गुणवत्ता की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको वेरिफाई लाइसेंस डिटेल ऑप्शन में जाना होता है।
- वेरिफाई एचयूआईडी में जाकर च्वेलरी का एचयूआईडी नंबर डालकर आप अपने हॉलमार्क वाली ज्वेलरी की शुद्धता का पता लगा सकते हैं।
- बीआईएस केयर एप के जरिए आप देश के किसी भी भारतीय मानक, लाइसेंस और लैब की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको नो योर स्टैंडर्ड में जाना होगा।
- hallmarking@bis.org.in अपनी शिकायत ई मेल के जरिए दर्ज करा सकते हैं। मेल से तुरंत सुनवाई होती है।
ज्वेलरी पर यह चेक जरूर करें
- हॉलमार्किंग ईयर
- ज्वेलर का कोड
- हॉलमार्किंग सेंटर की पहचान
- गोल्ड कैरेट और शुद्धता
- बीआईएस लोगो
एचयूआईडी नंबर से पहचान
ज्वेलरी की पहचान के लिए हॉलमार्क यूनिक आईडेंटिफिकेशन (एचयूआईडी) नंबर होता है। एचयूआईडी नंबर एक 6 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड है, जिसमें संख्याएं और अक्षर होते हैं, जिसे ज्वेलर्स की तरफ से दिया जाता है। इस नंबर की मदद से ज्वेलरी से संबंधित सभी जानकारियां आपको मिल सकती हैं। बता दें, ज्वेलर्स को इसकी जानकारी बीआईएस के पोर्टल पर भी अपलोड करनी होती है।
कैरेट और सुंदरता में शुद्धता हॉलमार्किंग
(दिए गए कैरेट के अनुसार) सेंटर का
- 22 कैरेट (91.6 प्रतिशत शुद्धता)
-18 कैरेट (75 प्रतिशत शुद्धता)
- 14 कैरेट (58.5 प्रतिशत शुद्धता)
1 अप्रैल से सिर्फ हॉलमार्किंग
नए नियम के तहत एक अप्रैल से छह डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग के बिना सोना नहीं बिकेगा। जैसे आधार कार्ड पर 12 अंकों का कोड होता है, उसी तरह से सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड होगा।
फर्जी हॉलमार्किंग करने वालों को चिन्हित करे पुलिस-प्रशासन
ऐश्प्रा गु्रप के डायरेक्टर अतुल सराफ ने सराफा मंडल के पदाधिकारियों और पुलिस-प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा, मार्केट में जो लोग तस्करी का सोना या गलत तरीके से हॉलमार्क ज्वेलरी बेचते हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित कर पुलिस-प्रशासन कार्रवाई करें। कस्टमर्स सिर्फ हॉलमार्क ज्वेलरी ही खरीदें और साथ में बाय बैक गारंटी के साथ रसीद अवश्य लें। अपने मोबाइल में बीआईएस का केयर एप डाउनलोड कर तुरंत चेक कर लें कि आपका सोना कितना खरा है।
फर्जी हॉलमार्क से सराफा व्यापारियों की छवि धूमिल हो रही थी। पुष्कर ज्वेलर्स में जेवरातों की जांच में पाया कि जो जेवरात एचयूआईडी के मानक अनुसार 75 परसेंट होने चाहिए थे, वो सोने के जेवरात में 10 परसेंट से भी कम थे। इसके बाद पदाधिकारियों ने इसकी सूचना राजघाट पुलिस को दी। सराफा मार्केट में कोई भी ऐसा करते हुए पाया गया तो उस पर कार्रवाई होगी।
गणेश वर्मा, अध्यक्ष, सराफा मंडल
फर्जी हॉलमार्क ज्वेलरी बनाने वाले और सेल करने वाले दोनों पर कार्रवाई हो। इसमें अच्छे से काम करने वाले सराफा व्यापारी भी पिस रहे है। इससे मार्केट में गलत मैसेज गया है। सरकार ने 1 अप्रैल से हॉलमार्क ज्वेलरी बेचना मस्ट कर दिया है। कस्टमर्स भी ज्वेलरी देख परख कर लें।
संजय अग्रवाल, परंपरा जेम्स एंड ज्वेल्स