- नोट की चोट से विवाह समारोह फीका, वर और वधु दोनों के लिए नोट की चोट बनी मुसीबत

- हलवाई, मैरज हाल और होटल के बिजनेस पर बुरा प्रभाव

GORAKHPUR: नोटबंदी का असर शादी-विवाह वाले घरों पर भी पड़ने लगा है। बैंकों की लंबी लाइन देख मेजबान बारातियों की संख्या में भारी कटौती कर रहे हैं। वहीं, वधु पक्ष भी कटौती में लग गया है। यहीं वजह है कि हलवाई, मैरज हॉल और होटल वालों का बिजनेस प्रभावित है। बारातियों के मेनू लिस्ट से खाने के दर्जन भर आईट्म्स ही शार्ट लिस्ट कर दिया गया है। बारातियों के लिए बुक किए जाने वाली टैक्सियों और लग्जरी कार की डिमांड भी कम हो गई है।

केस वन वन

गिरधरगंज के रहने वाले विवेक मणि त्रिपाठी के बेटे प्रतीक की शादी 17 नवंबर को है। विवेक का इकलौता बेटा है। बड़े अरमानों से उनकी शादी कर रहे हैं, लेकिन बदले हालात में घर के रिश्तेदारों को छोड़ ज्यादातर मित्रों को लिस्ट से बाहर करना पड़ा। विवेक बताते हैं कि पांच सौ और हजार के नोटबंदी से ऐसी दिक्कत आई है कि पूछिए मत। बेटे के दोस्त शादी में आने वाले थे, उनके लिए गाडि़यों की बुकिंग कराई थी। लेकिन नोट बंद होने से सारी तैयारियां धरी की धरी रह गईं। चूंकि शादी वधु पक्ष के घर से ही होनी है। इसलिए ज्यादा टेंशन नहीं है।

केस टू

रूस्तमपुर के रहने वाले विजय प्रताप बताते हैं कि बेटी प्रियंका बेंगलुरु में रहती है। एक निजी कंपनी में कंपनी सेक्रेटरी के पद है। 23 नवंबर को शादी होनी है। शादी के जितने कार्ड छपवाए थे, उतने लोगों तक पहुंचा नहीं पाया। मैरज हॉल पहले ही बुक करा लिया था। उसका एडवांस भी दे दिया था, लेकिन नोट की चोट ने ऐसा जख्म दिया कि सारी व्यवस्था पर पानी फिर गया। शादी की डेट करीब आ गई है। कुछ तैयारियां हुई है, कुछ बाकी है। पैसा भी जो निकाल लिया था। उसे फिर से जमा करने के लिए चार दिन से बैंक का चक्कर लगा रहा हूं। किसी तरह से पैसा जमा हो गया तो निकालने के लिए बैंक के लिमिटेशन ने पूरी तैयारियों पर ब्रेक लगा दिया है। वर और वधु दोनों पक्ष रिश्तेदारों की संख्या में कटौती करने पर विचार कर रहे हैं।

बारातियों के काफिले पर नोट की चोट

जबरदस्त लगन के बाद भी बारातियों के काफिला का बुरा हाल है। वर पक्ष दूल्हे की गाड़ी के पीछे जहां काफिला ले जाने की होड़ थी। वह पूरी तरह से फीका नजर आ रहा है। आलम यह है कि बोलेरो, स्कॉर्पियो, इनोवा के बुकिंग रेट कम पड़ गए हैं। पिछले साल लगन में 5,000 रुपए प्लस डीजल पर जहां इन गाडि़यों की जबरदस्त बुकिंग होती थी। वहीं इस साल नोट की चोट ने धंधे को पूरी तरह से चौपट कर दिया है। कार्मल रोड पर लग्जरी कार लाइन से लगाने वाले ट्रैवल एजेंसी के मालिकों की मानें तो जिस तरह की बुकिंग होनी चाहिए। उस लेवल पर नहीं है। यह समस्या कुछ दिनों तक बनी रहेगी। पिछले साल तो बिजनेस मंदा हुआ ही था। इस बार भी बिजनेस प्रभावित होगा।

नोटों के माला में पिस गए दूल्हे राजा

घंटा घर स्थित दूल्हे के नोटों के माला सजाए दुकानदार शाजिद बताते हैं कि 10 और 20 के कड़े नोटों की माला की जबरदस्त डिमांड होती है। लेकिन कस्टमर्स जिस लेवल पर आने चाहिए वे नहीं आ रहे हैं। जबकि इस बार जबरदस्त लगन है।

मेन से गायब दर्जन भर आईट्म्स

नोट की चोट ने न सिर्फ विवाह की सारी व्यवस्था पर चोट पहुंचाई है। बल्कि बाराती और घराती के लिए बनने वाले भोजन से भी कई आइट्‌र्म्स गायब हो गए हैं। जहां 4-5 तरह की सब्जियां बन रही थी। वहीं, सब्जियों की संख्या भी 1-2 हो गई हैं। यहीं नहीं है। सलाद के स्वाद भी कटौती कर दी गई है। पूड़ी, चपाती, पनीर, पुलाव, सुखी सब्जी, पालक, पापड़ के साथ-साथ कलौजी तक मेनू लिस्ट सिमट गया है।

हाथी और घोड़ी पर लगा लगाम

विवाह समारोह को भव्य बनाने के लिए वर पक्ष दूल्हे को घोड़ी पर सवार करना पहली प्राथमिकता है। यहीं नहीं बारातियों की शोभा बढ़ाने के लिए हाथी भी साथ चलते हैं, लेकिन ये सब 500 और 1000 के नोट बंद होने के साथ इनका चलन भी बंद हो गया है।

बहुसंख्यक है विवाह

पंडित शरद चंद्र मिश्रा बताते हैं पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष जबरदस्त लगन है। इस वर्ष शुक्रास्त और गुरु अस्त जैसी स्थिति नहीं है। इसलिए बहुसंख्यक विवाह के मुहर्1ूत है।

इन तारीखों में है जबरदस्त लगन

नवंबर में लगन : 16, 17, 21, 22, 23, 24, 25, 27, 30

दिसंबर में लगन - 1, 3, 8, 9, 12, 13, 14

15 दिसंबर से खरमास - शाम 06.05 बजे से

जनवरी 2017 में फिर से लगन प्रारंभ

14 जनवरी से प्रारंभ - मकर संक्रांति दिन दोपहर 1.51 बजे से प्रारंभ

14 जनवरी से लगन - 15, 16, 17, 18, 20, 22, 23, 24, 25, 31

फरवरी में लगन - 1, 2, 5, 6, , 11, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 20, 21, 23, 28

मार्च में लगन - 1, 4, 5, 6, 10, 13

14 मार्च से खरमास प्रारंभ होकर 14 अप्रैल तक रहेगा

अप्रैल में लगन - 16, 16, 17, 18, 19, 23, 24, 28, 29, 30

मई में लगन - 4, 5, 6, 7, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 16, 21, 22 26, 27, 31

जून में लगन - 1, 2, 3, 4, 6, 7, 8, 10, 12, 13, 17, 18, 19, 22, 27, 28, 29, 30

जुलाई में लगन - 1, 3 जुलाई तक