वारदात के लिए शातिरों का नया पैतरा, कमरे में बना रहे ठिकाना
घर पर आसानी से पहुंचती पुलिस, नए ठिकानों की नहीं होती जानकारी
GORAKHPUR: जिले में पुलिस को चकमा देने के लिए बदमाशों ने नया पैतरा अपना लिया है। टॉप टेन और अन्य मामलों में शामिल शातिरों की तलाश में पुलिस रोजाना घर पहुंचकर दस्तक देने लगी है। इससे बचने के लिए बदमाश अपना घर छोड़कर किराएदार बन गए हैं। इससे पुलिस उन तक आसानी से पहुंच नहीं पा रही। जिसका फायदा उठाते हुए वह शहर में क्राइम कर आराम से निकल जा रहे हैं। किराए पर कमरा लेकर रहने वालों बदमाशों के पकड़े जाने के बाद एसएसपी ने वेरिफिकेशन का निर्देश दिया है। हालांकि इसके पूर्व कई बार इस अभियान को शुरू किया गया। लेकिन कुछ दिनों के बाद अभियान ठप पड़ गया। एसएसपी ने कहा है कि बिना वेरिफिकेशन के किराएदार रखने पर कार्रवाई की जाएगी।
केस एक
तीन किलोमीटर पर घर, बन गया किराएदार
शाहपुर एरिया में टीचर डेविना मेजर की गोली मारकर हत्या करने और उनकी बेटी पर जानलेवा हमले में पुलिस को बदमाशों की तलाश थी। बाइक सहित फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पुलिस को उनके बारे में सूचना मिली। पुलिस ने जब दोनों को अरेस्ट किया तो सामने आया कि कुख्यात त्रिभुवन सिंह ने सिद्धार्थनगर में किराए पर कमरा लेकर ठिकाना बनाया है। जबकि उसका साथी दीपक नेभानी गोरखनाथ, अंधियारीबाग में जीआरपी कांस्टेबल के मकान में किराए पर कमरा लेकर रहता था। नेपाल के कैसीनो में जुआ खेलने वाले दीपक का घर भी महज तीन किलोमीटर की दूरी पर है। लेकिन क्राइम करने के लिए वह घर पर रहने के बजाय किराएदार बन गया था।
केस दो
तिवारीपुर में मकान, इंजीनियरिंग कॉलेज के पास ठिकाना
गोरखनाथ एरिया में चोरी और लूट की रकम के बंटवारे को लेकर बदमाशों ने साथी राहुल सिंह की हत्या कर दी। बांसगांव एरिया का मूल निवासी राहुल सिंह जमानत पर छूटा था। जेल में मिले उसके साथी भी इस दौरान बाहर आए। तिवारीपुर एरिया के रहने वाले संदिग्ध बदमाश अहमद उर्फ नाटे, राहुल सहित अन्य ने इंजीनियरिंग कॉलेज के किराए पर कमरा लेकर ठिकाना बना लिया। वहां रहकर लूट और चोरी करने लगे। आसपास के लोगों को इसकी भनक तक नहीं लग सकी। उनके पकड़े जाने पर लोगों को जानकारी हुई कि किराएदार शातिर बदमाश थे।
क्यों किराए पर रहने लगे हैं बदमाश
- 10 साल से सक्रिय बदमाशों की लिस्ट पुलिस अपडेट कर रही है।
- थाना स्तर पर टॉप 10 और 20 बदमाशों सहित अन्य की रोजाना निगरानी हो रही है।
- जमानत पर छूटने वाले बदमाशों के घर आए दिन पुलिस पहुंचती रहती है।
- कोई घटना पर पुलिस पहले से रजिस्टर्ड बदमाशों को भी पूछताछ के लिए उठाती है।
- लोकल पुलिस को बदमाशों की लोकेशन पता होती है। इसलिए दूसरी जगह ठिकाना बनाते हैं।
- वारदात करने के लिए किराएदार बनकर दूसरे मोहल्ले में रहने से क्राइम करने में आसानी होती है।
ऐसे कराइए किराएदारों का वेरिफिकेशन
किराएदारों का वेरिफिकेशन कराने के लिए यूपी कॉप एप की मदद ली जा सकती है। एप पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर सूचना देकर किराएदार और नौकरों का वेरिफिकेशन कराने की सुविधा मिलती है। घर बैठे इस संबंध में जानकारी देकर आसानी से वेरिफिकेशन कराया जा सकता है। एप इस्तेमाल करने के दौरान प्रोफार्मा ओपेन होता है, जिसमें संबंधित व्यक्ति की पूरी जानकारी, उसका थाना क्षेत्र, मूल निवास का पता देकर आधार कार्ड, वोटर कार्ड सहित अन्य प्रूफ को अटैच करना होता है। डिटेल मिलने पर संबंधित थानों की पुलिस उस व्यक्ति के बारे में पूरी जानकारी जुटा लेती है।
थाने पर सूचना देकर ले सकते हैं मदद
किराएदारों के वेरिफिकेशन के संबंध में नजदीकी थानों और पुलिस चौकी पर पहुंचकर भी मदद ली जा सकती है। इसके लिए एक फार्म भरकर देना होगा। फार्म में संबंधित जानकारी के साथ आईडी प्रूफ और रेजीडेंसियल प्रूफ देने पर पुलिस उसके आधार पर संबंधित के बारे में डिटेल जुटा लेगी। मुकदमा दर्ज होने से सहित अन्य मामलों की जानकारी संबंधित व्यक्ति के थाना क्षेत्र के रजिस्टर में मौजूद रहती है। कोई क्रिमिनल रिकार्ड होने पर तत्काल इसकी जानकारी मिल जाएगी। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि किराएदारों का वेरिफिकेशन न होने से संबंधित मकान मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। इसमें छह माह तक की सजा भी हो सकती है। पुलिस कर्मचारियों का कहना है कि तमाम लोग इसलिए वेरिफिकेशन नहीं कराते हैं कि वह लोग नगर निगम को किराएदार रखने के संबंध में जानकारी नहीं देना चाहते हैं। किराएदारी का मामला आने पर बिल्डिंग को कामार्शियल यूज में मान लिया जाएगा। बिजली के बिल सहित अन्य तरह के सुधार की आवश्यकता पड़ने लगेगी। इसलिए तमाम लोग किराएदारों के बारे में जानकारी देने से बचते हैं।
वर्जन
किराएदारों का वेरिफिकेशन कराने के संबंध में निर्देश दिए गए हैं। सभी थानेदार अपने-अपने एरिया में इसकी जानकारी मकान मालिकों को देंगे। बिना वेरिफिकेशन कराए किराए पर मकान-कमरा देने पर कार्रवाई की जाएगी।
जोगेंद्र कुमार, एसएसपी