- 2013-14 में पड़ा था छापा, दर्ज हुआ था पीएनडीटी एक्ट के तहत केस
- कोर्ट ने बार-बार भेजा नोटिस, नहीं हुए हाजिर
GORAKHPUR : बार-बार समन करने के बाद भी कोर्ट में हाजिर न होने पर सीजेएम कोर्ट ने म् डायग्नोस्टिक सेंटर्स के मालिकों को गैर जमानती वारंट इशू कर दिया है। पुलिस ने एक आरोपी डॉक्टर को अरेस्ट भी कर लिया है। बाकी के यहां दबिश दी जा रही है। मामला डायग्नोस्टिक सेंटर्स पर होने वाले भ्रूण की लिंग जांच से जुड़ा है। जांच में अनियमितता पाए जाने पर इन डायग्नोस्टिक सेंटर्स के संचालकों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। सीजेएम कोर्ट ने कई बार संचालकों को हाजिर होने का नोटिस दिया था, लेकिन इन्होंने नोटिस का जवाब तक नहीं दिया। कोर्ट ने सख्ती बरतते हुए इन सभी को नॉन बेलेबल वारंट इशू कर दिया। पुलिस ने एक्शन में आते हुए आरोपी आर्यन डाग्नोस्टिक सेंटर, चौरीचौरा के संचालक डॉ। जितेंद्र को गिरफ्तार कर कोर्ट के सामने पेश किया। कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया गया।
ये था मामला?
वर्ष ख्0क्फ्-क्ब् में नियमों के उल्लंघन की शिकायत पर प्रशासन और हेल्थ डिपार्टमेंट ने मिलकर सिटी के कई अल्ट्रासाउंड सेंटर्स पर छापेमारी की थी। आरोप था कि इन सेंटर्स पर फीटस के सेक्स की जांच की जाती है। जांच के दौरान कई नियमों में ढिलाई बरतने और अनियमितता पाए जाने पर इन सेंटर्स के म् डॉक्टर्स पर प्री नेटल डायग्नोस्टिक टेक्नीक्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। अभी मामला कोर्ट में पेंडिंग है।
इन सेंटर्स पर पड़ा था छापा
तुलसी पॉलीक्लीनिक, अलहदादपुर
प्रिंस अल्ट्रासाउंड सेंटर, नई बाजार झंगहा
आर्यन डाग्नोस्टिक सेंटर, राघवपुर चौरीचौरा
गोरखपुर एक्सरे व अल्ट्रासाउंड सेंटर, भलोटिया मार्केट
सांई राम डाग्नोस्टिक सेंटर, मेडिकल कॉलेज रोड
कृष्णा डाग्नोस्टिक सेंटर, भेडि़यागढ़ बशारतपुर
लिंग परीक्षण की शिकायत पर छह डायग्नोस्टिक सेंटर की जांच गई थी। सेंटर के संचालकों पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। न्यायालय में मामला चल रहा है।
डॉ। एमके सिंह, सीएमओ