- दो को आजीवन कारावास, अर्थदंड भी भुगतना पड़ेगा
- अपहृत सगे भाईयों का नहीं पता लगी सकी पुलिस
GORAKHPUR: गोरखनाथ एरिया के बहुचर्चित जाहिद-वाहिद अपहरण कांड में थर्सडे को फैसला आया। अपर सत्र न्यायाधीश पुर्णेदू कुमार श्रीवास्तव ने अपहरण का दोष सिद्ध पाया। शाहपुर क्षेत्र के घोषीपुरवा मोहल्ला निवासी अनवर और चिलुआताल एरिया के जंगल नकहा नंबर एक निवासी हसीना को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने दोनों पर भ्0-भ्0 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अर्थदंड न जमा करने पर तीन साल का कारावास अलग से भुगतना पड़ेगा।
अपहरण की गुत्थी नहीं सुलझा पाई पुलिस
पांच अगस्त ख्0क्0 को शाम सात बजे गोरखनाथ के चक्सा हुसैन निवासी फिरोज के बेटे छह साल का वाहिद, चार साल का जाहिद खेलने निकले। दोनों पक्का मस्जिद के पास खेलने गए। तभी अचानक लापता हो गए। फिरोज सउदी अरब में रहकर कमाते हैं। म् अगस्त को फोन पर बच्चों की वापसी के लिए दो लाख की डिमांड की गई। इस मामले में काफी प्रयास के बाद अज्ञात के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया। फिरोज के बहनोई तालिब अली ने मुकदमा दर्ज कराया। काफी दिनों तक जांच पड़ताल करने में लगी पुलिस बच्चों की वापसी नहीं करा सकी।
विवेचना के दौरान प्रकाश में आया अनवर, हसीना का नाम
व्यापार के लिए फिरोज ने चौरीचौरा के गणेश से भ्0 हजार रुपए लिए थे। ब्याज के पैसों को लेकर गणेश ने फिरोज को उठवाकर पिटवाया था। अपहरण का पहला शक गणेश पर जताया गया। हालांकि परिजनों ने रिश्ते के मामा अनवर पर भी अंगुली उठाई। उसके साथ दोनों बच्चे अंतिम बार देखे गए थे। विवेचना में भी पुलिस ने अनवर और हसीना का नाम उजागर किया। पुलिस ने बताया हसीना का अपने पति से विवाद चल रहा था। उसके पहले पति से एक बच्चा था। पंचायत में फिरोज ने हसीना के बच्चे को उसके पहले पति को दिलवा दिया। इसको लेकर हसीना की फिरोज से खटक गई। इस वजह से उसने बच्चों का अपहरण करवा दिया।