- जिले में चल रही नकली शराब फैक्ट्री

- पंचायत इलेक्शन में बढ़ जाती है डिमांड

GORAKHPUR : पंचायत चुनाव में फिर से शराब का कारोबार का झूमेगा। चुनाव की तैयारियों में लगे उम्मीदवारों ने देसी का जुगाड़ शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में देसी शराब का कारोबार जोर पकड़ेगा। ऐसे में पौवा में गड़बड़झाला भी हो सकता है.ठेके पर मिलने वाली 'लैला' जान भी ले सकती है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि आबकारी विभाग के अफसर कह रहे हैं। जिनको जिले में नकली शराब बिकने का डर सता रहा है। नकली का कारोबार रोकने के लिए विभाग तैयारियों में जुटा है। जिला आबकारी अधिकारी का कहना है नकली शराब की बिक्री बड़ी चुनौती है।

जिले में फैला जाल

नकली शराब कारोबारियों ने लैला का जाल फैला रखा है। रेक्टीफाइड स्प्रिट से शराब आसानी से बन जाती है। नकली रैपर और ढक्कन बनाकर कारोबारी, देसी शराब की दुकानों पर नकली लैला की सप्लाई करते हैं। आबकारी विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि जिले में कारोबारियों का बड़ा रैकेट एक्टिव है जो नकली शराब की सप्लाई देता है। अधिक मुनाफे के चक्कर में ठेकेदार भी शराब बेचते हैं। छापेमारी में नकली लैला की बरामदगी कई बार हो चुकी है।

सिर्फ 12 के खिलाफ कार्रवाई

नकली लैला बेचने की शिकायत मिलने पर आबकारी विभाग ने कार्रवाई की है। जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि नकली लैला वाली पांच दुकानें सस्पेंड चल रही हैं। इनमें सिधावल, बैलो, मुडि़ला, रमवापुर और तुर्रा बाजार की दुकान शामिल है। जिले में 261 दुकानों में 12 के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। दुकानों को सस्पेंड करने के बाद इनका लाइसेंस कैसिंल करके सिक्योरिटी जब्त कर ली जाती है।

देसी शराब की दुकानों पर नकली शराब की बरामदगी हो चुकी है। रेक्टिफाइड स्प्रिट से बनने वाली शराब खतरनाक व जानलेवा होती है। अल्कोहल की मात्रा बढ़ने से नशा बढ़ जाता है। चुनाव में नकली शराब का कारोबार रोकने लिए कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए अभी से आबकारी विभाग की टीम लगा दी गई है।

सदानंद चौरसिया, जिला आबकारी अधिकारी