- सीसीटीवी कैमरे का नहीं हो पा रहा उपयोग

- ठेकेदारों के बीच मारपीट को बताया गंभीर

GORAKHPUR : जीएमसी में ठेकेदारों की भिड़ंत पर पार्षदों ने कड़ी आपत्ति जताई है। थर्सडे को इसको लेकर दिनभर चर्चा होती रही। कैंपस में विवाद रोकने के लिए कड़े प्रबंध करने की मांग उठी है। पार्षदों ने कहा इससे नगर निगम की छवि खराब होती है। लिहाजा, इस तरह के लोगों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाए।

नहीं लागू हो पाई कार्ड की व्यवस्था

जीएमसी में टेंडर की प्रक्रिया को लेकर एक साल पूर्व कार्यकारिणी ने नियम पारित किया। पारदर्शिता के लिए पास जारी करने की बात उठी। कहा गया जीएमसी के रजिस्टर्ड फर्म के ठेकेदार और उनके एक प्रतिनिधि को पास इश्यू किया जाए। पास पर फोटो के साथ-साथ पूरा ब्यौरा दर्ज होगा। टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने वाले लोगों का पास चेक करके उनको प्रवेश दिया जाए। अफसरों की लापरवाही से यह व्यवस्था लागू नहीं हो सकी। हालांकि कैंपस को सीसीटीवी सर्विलांस से जरूर लैस किया गया, लेकिन इसका कोई फर्क नहीं नजर आया।

बवाल की वजह बनते बाहरी तत्व

जीएमसी से जुड़े लोगों का कहना है कि ज्यादातर रजिस्टर्ड फर्म खुद काम नहीं कराती। दूसरी एजेंसी को अपनी शर्तो के अनुसार काम दे देते हैं। ऐसे में टेंडर के लिए बाहरी लोगों का खूब जमावड़ा होता है। इनमें कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के होते हैं जिनकी वजह से कई बार बवाल होता है। इसके अलावा जीएमसी में आनलाइन टेंडर की व्यवस्था नहीं हो सकी। वेंस्डे को जीएमसी कैंपस में विवाद करने वाले मानू पांडेय के खिलाफ भी कई मामले दर्ज हैं। प्रशासन उसके खिलाफ जिला बदर की कार्यवाही कर चुका है।

कार्यकारिणी ने पास व्यवस्था का नियम पारित किया। इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। टेंडर प्रक्रिया में जब तक पारदर्शिता नहीं आएगी, तब तक बवाल होता रहेगा।

जियाउल इस्लाम, पूर्व डिप्टी मेयर

जीएमसी कैंपस में होने वाली घटना निंदनीय है। इस तरह की घटनाएं रोकने की नगर आयुक्त से मांग की गई है।

राजेश जायसवाल, पार्षद

मारपीट की घटनाओं से जीएमसी की छवि खराब होती है। अवांछित लोगों का कैंपस में प्रवेश रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

रणंजय सिंह जुगनू, पार्षद