- मंडी समिति हर माह नगर निगम को देती है एक लाख 85 हजार
- सफाई कर्मचारियों ने लगाया आरोप, सफाई के नाम पर गटक जाते हैं पैसे
- ढाई सौ की जगह दिया जाता है सिर्फ 80 रुपये
GORAKHPUR : भ्रष्टाचार की जड़ें नगर निगम और महेवा मंडी में इतनी गहरी हैं कि रोज एक नया मामला सामने आ जाता है। अब सफाई कर्मचारियों ने नगर निगम पर मानक से कम भुगतान का आरोप लगाया है। फ् महीने से भुगतान न किए जाने पर सफाई कर्मचारियों ने काम ठप कर दिया है जिससे मंडी की हालत खराब हो गई है। कर्मचारियों का कहना है कि नगर निगम और ठेकदार मिलकर उनके हिस्से का पैसा खा जाते हैं। मंडी प्रशासन नगर निगम को हर महीने क् लाख 8भ् हजार रुपए प्रतिमाह भुगतान करता है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें ख्भ्0 रुपए की बजाय 80 रुपए ही मानदेय दिया जाता है। इस तरह सफाई के नाम पर मंडी में लाखों रुपए का खेल हुआ है जिसकी जांच होनी चाहिए।
करते हैं गोलमाल, खा जाते हैं पैसा
मंडी की सफाई के लिए कुल क्भ् कर्मचारियों को तैनात किया गया है। ये सब्जी, फल, गल्ला व मछली मंडी की सफाई करते हैं। सफाई कर्मचारियों का आरोप है कि नगर निगम सफाई के नाम पर प्रति सफाईकर्मी 80 रुपए का ही भुगतान करता है जबकि मानदेय ख्भ्0 रुपए है। कर्मचारियों का कहना है कि यहां क्भ् कर्मचारी तैनात हैं, लेकिन काम क्0 से ही कराया जाता है। बाकी का पैसा नगर निगम और ठेकेदार मिलकर खा जाते हैं। नगर निगम ने फ् महीने से कर्मचारियों का भुगतान भी रोक रखा है जिससे कर्मचारी परेशान हैं।
ठेका होते ही बदतर हो गई सफाई
पूर्वाचल की सबसे बड़ी मंडी में सफाई को लेकर जिम्मेदारों और व्यापारियों के बीच अक्सर उठापटक होती रहती है। मंडी प्रशासन पिछले वर्ष सफाई के नाम पर नगर निगम को 90 हजार रुपए प्रतिमाह भुगतान करता था, लेकिन इतने कम पैसे में सफाई नाकाफी हो रही थी। इस वजह से नगर निगम से सफाई बंद कर दी। इसके बाद एक कार्यदायी संस्था को ठेका दिया गया जिसके बाद सफाई की हालत और बदतर हो गई। व्यापारियों ने मंडी प्रशासन से बात की जिसके बाद ठेका निरस्त कर क् लाख 8भ् हजार रुपए प्रतिमाह के भुगतान पर नगर निगम को सफाई का टेंडर दे दिया। अब सफाई कर्मचारियों को भुगतान न होने से मंडी की हालत बदतर हो गई है। एक हफ्ते से सफाई न होने से मंडी बजबजा रही है। तेज दुर्गध से व्यापारियों और ग्राहकों का मंडी में रहना दूभर है।
मंडी की सफाई के लिए पूरा भुगतान कर दिया गया है। मंडी की सफाई के लिए नगर निगम स्वास्थ्य अधिकारी से बात की गई है।
सुभाष यादव, सचिव, मंडी समिति
नगर निगम की ओर से ठेकेदार को भुगतान कर दिया गया है, लेकिन ठेकेदार सफाई कर्मचारियों को भुगतान नहीं कर रहा है। ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी।
अरूण कुमार, स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम
नगर निगम की तरफ से अभी तक भुगतान नहीं किया गया है जिसकी वजह से सफाई कर्मचारियों को भुगतान नहीं किया जा सका है। पहले मंडी समिति नगर निगम को 90 हजार भुगतान करती थी, लेकिन इधर एक लाख 8भ् हजार रुपये का रेट निर्धारित किया गया है। भुगतान होने के बाद पैसा दे दिया जाएगा।
संतोष दूबे, ठेकेदार