- नौसड़ में पासवान ढाला और ओम ट्रेडस पर नगर निगम करा रहा काम
- नई-पुरानी और घटिया ईटों का हो रहा यूज
द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : नगर निगम में काम में भ्रष्टाचार का मसाला जरूर लगता है। ताजा मामला है नौसड़ वार्ड के पासवान ढाले के पास इंटरलाकिंग निर्माण और आर्यावर्त हास्टल के पीछे सड़क उच्चीकरण और नाली निर्माण में धांधली का। आई नेक्स्ट ने जब पब्लिक की शिकायत पर मौके का मुआयना किया तो पता चला कि नाली निर्माण में दोयम दर्ज की ईट के साथ-साथ पुरानी ईट का यूज किया जा रहा है। वहीं इंटरलाकिंग में बालू की जगह मिट्टी और ईट इतनी घटिया कि हल्की सी टक्कर से ईट टूट जा रही थी।
कार्य का नाम- पासवान ढाले के पास गली
ठेकेदार- ज्ञान सागर फर्म
लागत- 5 लाख
आंखों देखी धांधली- आई नेक्स्ट को शिकायत मिली कि नौसड़ के पासवान ढाले के पास चल रहे काम में घटिया ईट का उपयोग किया जा रहा है। आई नेक्स्ट टीम फ्राइडे को स्पॉट पर पहुंची। लगभग 50 मीटर रोड बन चुकी थी, रोड पर बिछाई गई ईट टूट रही थी। इंटरलाकिंग के नीचे बालू बिछाने का नियम है, लेकिन यहां राप्ती की मिट्टी के उपर ईट बिछाई जा रही थी। कई जगह ईट अभी से टूटने लगी है।
कार्य का नाम- आर्यावर्त हास्टल के पीछे की गली
ठेकेदार- हनुमान ट्रेडर्स
लागत- 12 लाख
आंखों देखी धांधली- कंप्लेन मिलने के बाद आई नेक्स्ट टीम ने इस रोड का रियल्टी चेक किया तो पता चला कि दो दिन पहले ही इस रोड का निर्माण कार्य शुरू हुआ है। नाली के निर्माण में नीचे गिट्टी की लेयर बिछाई जाती है, लेकिन 30 मीटर बन चुकी नाली में कहीं भी गिट्टी का यूज नहीं किया गया था। नाली की दीवार में दोयम दर्जे की ईट इस्तेमाल हुई, नई पुरानी ईट मिलाकर नाली बनाई जा रही है।
5 लाख का गोलमाल होने की आशंका
पासवान ढाले वाली इंटरलाकिंग का काम 5 लाख रुपए का है, जबकि आर्यावर्त के पीछे वाली गली में उच्चीकरण और नाली निर्माण 12 लाख रुपए में काम होना था। जिस तरह से काम हो रहा है, उसको देखकर यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि ठेकेदार कम से कम 5 लाख रुपए आराम से दबा लेगा। एक जेई ने बताया कि इस पूरी रोड पर कम से कम 2 लाख रुपए की बालू लगने की संभावाना है, लेकिन एक लाख रुपए की बालू ही लगाई जा रही है। वहीं 65 सौ रुपए वाले इंटरलाकिंग ईट की जगह 5 हजार रुपए वाली ईट का उपयोग किया जा रहा है। इस रोड पर कम से कम दो से ढाई लाख रुपए की बचत हो जाएगी। हास्टल के पीछे नाली निर्माण में ईट के घालमेल के जरिए भी करीब ढाई लाख रुपए बचेंगे।
इंटरलाकिंग के नीचे पहले बालू बिछाकर ईट बिछानी चाहिए। अगर मिट्टी बिछाकर ईट बिछाई जा रही है तो इसकी जांच की जाएगी। निर्माण विभाग को मौके पर हो रहे कार्य का सैंपल लाने के लिए कहा गया है। सैंपल में गड़बड़ी मिली तो ठेकेदार का भुगतान रोका जाएगा।
राजेश कुमार त्यागी, नगर आयुक्त
मौके पर पहुंचने पर काम सही पाया गया है। ईट और बालू के नमूने लिए गए हैं। कुछ जगहों पर गड़बड़ी पाई गई है। जांच करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा कि क्या कार्रवाई करनी है।
मिश्रा, जेई निर्माण विभाग
मैं डेली दोनों कार्यो का निरीक्षण करता हूं। किसी भी एजेंसी से काम की जांच कराई जा सकती है। कुछ राजनीतिक विरोधी झूठी कंप्लेन कर रहे हैं।
रामभवन निषाद, पार्षद वार्ड नं 6 नौसड़
इस्टीमेट के मुताबिक काम हो रहा है। विरोधियों ने झूठी शिकायत की है। किसी भी सक्षम अधिकारी से जांच करा लें, हम जांच के लिए तैयार हैं।
संजय साहनी, ठेकेदार