- 4 घंटे तक गोरखपुर-सोनौली मार्ग जाम कर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
- राजेंद्र नगर कॉलोनी में 11 हजार वोल्ट की लाइन पर काम करते हुए गई जान
- सदर सांसद और प्रशासन के आश्वासन पर शांत हुए ग्रामीण
GORAKHPUR : शास्त्रीनगर में फॉल्ट दुरुस्त करते वक्त करंट लगने से फ्राइडे को एक संविदाकर्मी?की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों और मोहल्ले वालों ने आक्रोशित होकर गोरखपुर सोनौली नेशनल हाइवे करीब 4 घंटे तक जाम कर दिया। पीडि़त के परिजनों का आरोप था कि बिजली विभाग की लापरवाही से मौत हुई है। उनकी मांग थी कि परिवार को 20 लाख रुपए नगद व एक सदस्य को नौकरी दी जाए। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने पब्लिक को समझाने की कोशिश की। चार घंटे की मशक्कत और 1.50 लाख रुपए का चेक देने के बाद परिजनों ने जाम खत्म किया। मौके पर पहुंचे सदर सांसद योगी आदित्यनाथ ने बिजली विभाग के अफसरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तत्काल सहायता मुहैया कराने को कहा।
लाइन ठीक करते वक्त लगा करंट
शास्त्रीनगर तेलिया कुंआ निवासी रामस्वरूप बिजली विभाग के इंडस्ट्रियल एरिया सब स्टेशन पर पिछले 10 साल से तैनात था। फ्राइडे इवनिंग चार बजे शास्त्रीनगर की लाइन तार ढीला होने के कारण खराब हो गई। कंप्लेन मिलने के बाद रामस्वरूप संविदाकर्मी शौकत अली, अशोक जायसवाल, अशोक और रामचरित के साथ लाइन ठीक करने के लिए मौके पर पहुंचा। रामस्वरूप ने पोल पर चढ़कर लाइन ठीक कर दी। रात 11 बजे फिर से लाइन खराब हो गई। जानकारी होने के बाद रामस्वरूप फिर पोल पर चढ़ा तो विद्युत तार के संपर्क में आ गया। करंट लगने से वह नीचे गिर गया। साथियों ने तत्काल उसे स्थानीय प्राइवेट नर्सिग होम में पहुंचाया जहां उसकी हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टर्स उसे मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। रात 1.30 बजे मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर डॉक्टर्स ने रामस्वरूप को मृत घोषित कर दिया। रामस्वरूप की मौत की सूचना सुबह घरवालों को दी गई।
चार घंटे तक लगा रहा जाम
सूचना पाते ही रामस्वरूप के परिजनों और मोहल्लेवालों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का ओराप लगाते हुए राजेंद्र नगर चिरकुटवा बाबा मंदिर के पास गोरखपुर-सोनौली राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया। लोगों की मांग थी कि पीडि़त परिवार को 20 लाख रुपए मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए। मौके पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट सतीश पाल, विद्युत विभाग के एक्सईएन आरसी पाण्डेय और अन्य अधिकारियों ने लोगों को समझाने की कोशिश की। पीडि़त परिवार को डेढ़ लाख रुपए का चेक देते हुए उनकी मांग को शासन तक पहुंचाने और मदद करने का आश्वासन दिया। उसके बाद दोपहर 12 बजे जाम समाप्त होने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
नौ माह से नहीं मिला वेतन
बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित करने के लिए महानगर में कुल 210 संविदाकर्मियों की तैनाती है। इनमें नॉन टेक्निकल कर्मचारियों को 8 हजार और टेक्निकल कर्मचारियों को 10 हजार रुपए प्रति माह वेतन दिया जाता है। पिछले 9 माह से इन कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाया है। वेतन न मिलने को लेकर कर्मचारी कई बार धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं। 16 जुलाई से सभी कर्मचारी कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी पहले ही दे चुके हैं।
किसकी लापरवाही से संविदाकर्मी करंट की चपेट में आया है, इसकी जांच की जाएगी। विभाग की ओर से 1.50 लाख रुपए का चेक दे दिया गया है। विभाग की ओर से जो भी नियम में होगा, उतनी मदद दी जाएगी।
डीके सिंह, चीफ इंजीनियर, गोरखपुर जोन