- ट्विटर पर पेट्रोलियम मिनिस्टर ने एक दिन में कंप्लेन पर लिया एक्शन
- 14 हजार कंज्यूमर्स से अकाउंट एक्टिवेट कराने के नाम पर 16 लाख 80 हजार वसूलने की फिराक में है एजेंसी
- 2 साल पहले पीपीगंज स्थित गैस एजेंसी पर हुई थी कार्रवाई, दूसरी एजेंसीज को ट्रांसफर कर दिए गए थे सभी कंज्यूमर्स
- अब उन्हीं कंज्यूमर्स के अकाउंट डेड बता एजेंसी वसूल रही रुपए
PEPPEGANJ: ट्विटर से ट्रेन में बच्चे के लिए दूध मंगाने की खबर अब पुरानी हो गई। नई खबर है ट्विटर से गैस मंगाने की। पीपीगंज स्थित एक गैस एजेंसी ने एक कंज्यूमर के अकाउंट को एक साल से डेड बताकर उसे एक्टिवेट करने के लिए 120 रुपए मांगे, जबकि वह हर महीने गैस ले रहा था। कंज्यूमर ने एक महीने तक अधिकारियों से इसकी कंप्लेन की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। थककर उसने 2 मई को पेट्रोलियम मिनिस्टर धर्मेन्द्र प्रधान को ट्वीट किया। मिनिस्टर ने सेम डे एजेंसी की लोकेशन ली और अगले ही दिन मामले की जांच इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन को ट्रांसफर कर दिया। अब एजेंसी वाले कंज्यूमर को लगातार कॉल कर रहे हैं कि वह आकर गैस ले जाए। हालांकि कंज्यूमर का कहना है कि वह अपने जैसे 14 हजार कंज्यूमर्स के प्रॉब्लम का सॉल्यूशन चाहता है, जिनसे एजेंसी 16 लाख 80 हजार रुपए नाजायज तरीके से वसूलना चाह रही है।
यह है मामला
आशीष इंडेन गैस सर्विस, पीपीगंज पर 2 साल पहले अनियमितता के आरोप लगे थे। जांच के बाद एसडीएम ने आवश्यक वस्तु अधिनियम व अन्य धाराओं में कार्रवाई की थी। मंत्रालय ने एजेंसी का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया। तब एजेंसी के करीब 14 हजार उपभोक्ताओं को गोरखपुर व महराजगंज स्थित दो एजेंसी को ट्रांसफर कर दिए गए। इनमें 9 हजार कंज्यूमर्स को तरंग सर्विस गोरखपुर को और 500 कंज्यूमर्स को आनंदनगर गैस सर्विस फरेंदा को ट्रांसफर किया गया।
कंज्यूमर्स को हो रही थी दिक्कत
कई किलोमीटर दूर स्थित एजेंसी को अकाउंट ट्रांसफर किए जाने से कंज्यूमर्स को काफी दिक्कत हो रही थी, लेकिन वे लगातार गैस ले रहे थे। इस बीच आशीष इंडेन का लाइसेंस बहाल हो गया। कंज्यूमर्स से कहा गया कि वे अपने अकाउंट फिर से पीपीगंज स्थित एजेंसी में ट्रांसफर करने के लिए आवेदन दें। एजेंसी की मनमानी को देखते हुए कई कंज्यूमर्स ने आवेदन नहीं दिया। बावजूद एक माह पहले सभी कंज्यूमर्स के अकाउंट को फिर से आशीष एजेंसी पीपीगंज को ट्रांसफर कर दिया गया।
अब एजेंसी मांग रही रुपए
अब आशीष एजेंसी के लोग सभी कंज्यूमर्स के अकाउंट को डेड बताकर 120 रुपए एक्टिवेशन चार्ज के नाम पर वसूल रहे हैं। यानी, 14 हजार कंज्यूमर्स से 16 लाख 80 हजार रुपए वसूलने की तैयारी है। एजेंसी का कहना है कि उसके वहां कंज्यूमर्स के एकाउंट डेड हो गए हैं और इसलिए उसे एक्टिवेट करना होगा। वहीं कंज्यूमर्स का कहना है कि वे उसी अकाउंट से लगातार गैस ले रहे हैं। ऐसे में फिर से एक्टिवेशन चार्ज क्यों दे? वह भी तब जबकि एजेंसी की अनियमितता के कारण ही उनके अकाउंट ट्रांसफर हुए थे और फिर से एजेंसी से लिंक्ड भी कर दिए गए।
मिनिस्टर को किया ट्वीट
इसी एजेंसी के एक कंज्यूमर्स जंगलकौडि़या ब्लॉक क्षेत्र के चेतरिया, फरदहनी निवासी डॉ। धर्मेन्द्र मिश्र ने एजेंसी को बताया कि उन्होंने 7 मार्च 2016 को ही गैस रिफिल कराया। ऐसे में उनका अकाउंट डेड कैसे हो सकता है? उन्होंने एक्टिवेशन चार्ज के नाम पर 120 रुपए देने से मना कर दिया तो एजेंसी वालों ने गैस देने से इनकार कर दिया। डॉ। धर्मेन्द्र का कहना है कि उन्होंने एरिया सेल्स मैनेजर चेतन पटवारी से कंप्लेन किया तो उन्होंने शिवेन्द्र जायसवाल का नंबर देते हुए उनसे बात करने को कहा। शिवेन्द्र जायसवाल ने वाट्सअप पर पूरा कंप्लेन मंगाया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। थक-हारकर उन्होंने 2 मई को पेट्रोलियम मिनिस्टर डॉ। धर्मेन्द्र प्रधान को कंप्लेन किया। उसी दिन मिनिस्टर ने ट्वीट कर एजेंसी का लोकेशन मांगा। फिर अगले दिन 3 मई को मामले को इंडियन आयल कॉर्पाेरेशन को ट्रांसफर करते हुए ट्वीट के माध्यम से इसकी जानकारी दी।
आइए, गैस ले जाइए
मंत्रालय ने सीधे एजेंसी को चिट्ठी भेजी और मामले में हुई कार्रवाई से अवगत कराने को कहा। इसके बाद एजेंसी से लगातार डॉ। धर्मेन्द्र मिश्र को कॉल जा रही है कि वे आएं और गैस ले जाएं। मिनिस्टर के ट्वीट से डॉ। धर्मेन्द्र मिश्र के प्राब्लम का सॉल्यूशन तो हो गया लेकिन वे 14 हजार कंज्यूमर्स को लेकर चिंतित हैं। उनका कहना है कि वे तब तक गैस नहीं लेंगे जबतक कि सभी कंज्यूमर्स के एक्टिवेशन चार्ज के नाम पर लिए जा रहे 120 रुपए छोड़ नहीं दिए जाते।
आशीष इंडेन गैस सर्विस को कुछ बड़े लोगों का संरक्षण प्राप्त है। इसलिए वह गलत तरीके से वसूली कर रही है। इसके पहले गलत वसूली के कारण ही एजेंसी सस्पेंड हो गई थी। ट्वीट से मुझे तो गैस मिलने में दिक्कत नहीं है लेकिन बाकी कंज्यूमर्स के प्राब्लम का भी निदान होना चाहिए। जरूरत पड़ी तो एक-एक कंज्यूमर्स से मिनिस्टर को ट्वीट कराऊंगा।
- डॉ। धर्मेन्द्र मिश्र, कंप्लेनर
कंज्यूमर्स के अकाउंट डेड हो जाने के कारण उसे एक्टिवेट करने के लिए आधार की फोटो कॉपी मांगी है। कुछ एक्टिवेशन चार्ज भी लगा है। यह तकनीकी मामला है।
- गुप्ता, मैनेजर, आशीष इंडेन गैस सर्विस
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यह है ट्वीट
2 मई
डॉ। धर्मेन्द्र मिश्रा- सर हमारा एलपीजी कनेक्शन ब्लॉक हो गया है। लोकल अधिकारी सुन नहीं रहे हैं। प्लीज हेल्प मी।
धर्मेन्द्र प्रधान- प्लीज प्रोवाइड योर एजेंसी नेम, लोकेशन एंड कांटैक्ट नंबर।
डॉ। धर्मेन्द्र मिश्रा- आशीष इंडेन गैस सर्विस पीपीगंज गोरखपुर, एजेंसी कोड 165486, कन्ज्यूमर नं। सीएक्स 16626004
3 मई
धर्मेन्द्र प्रधान- योर कम्प्लेंट हैज बीन फॉवर्डेड टू इंडियन आयल कॉर्पोरेशन।