- रामगढ़ताल में चलेंगी 12 वॉटर बोट, टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
- आसपास के इलाके को संवारने के लिए शासन से भी मिले 18 करोड़
- टूरिस्ट आने पर लोगों को मिलेगा रोजगार, वहीं बढ़ जाएगा सिटी में पिकनिक स्पॉट
GORAKHPUR: शहर की शक्ल-व-सूरत संवारने के लिए सूबे की सरकार कोशिश में लगी हुई है, लेकिन यहां के जिम्मेदारों को इसकी बेहतर सूरत ही पसंद नहीं है। शायद यही वजह है कि रामगढ़ताल जैसा बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट शहर में मौजूद होने के बाद भी जिम्मेदार इसे सजाने और संवारने की तनिक भी कोशिश नहीं कर रहे हैं। निगम ने लाखों खर्च कर इसे थोड़ा संवारने की कोशिश जरूर की, लेकिन जब जिम्मेदार जागे तो लोगों ने सूरत बिगाड़नी शुरू कर दी। हालत यह है कि इन दिनों शहर की सूरत में चार चांद लगाने वाले रामगढ़ताल पर गंदगी और कूड़े कबाड़ का डेंट लग रहा है। अगर इसे जल्द न हटाया गया तो लाखों खर्च करने के बाद भी इसकी सूरत नहीं संवर पाएगी। साथ ही शहर के लोगों बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट और रोजगार की राह नहीं मिल पाएगी।
18 करोड़ मिली है मंजूरी
रामगढ़ताल की सूरत को संवारने की कोशिशें काफी तेजी से हो रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 18.60 करोड़ रुपए की मंजूरी भी दे दी है। इस पैसे से सर्किट हाउस के आगे 900 मीटर तक सौंदर्यीकरण का काम कराया जाएगा। इससे पहले सेंट्रल गवर्नमेंट ने केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालय नेशनल लेक कंजर्वेशन प्लान (एनएलसीपी) के तहत साल 2010 में इसके लिए 124.32 करोड़ रुपये मंजूर किए थे, लेकिन प्रोजेक्ट की लागत बढ़कर 196 करोड़ रुपए हो गई। कार्यदायी संस्था जल निगम का दावा है कि परियोजना के तहत 90 फीसद काम पूरा कर लिया गया है।
'सुखना झील' की तर्ज पर डेवलपमेंट
सीएम अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल रामगढ़ताल को चंडीगढ़ के सुखना झील की तर्ज पर डेवलप किया जाना है। 'नया सवेरा' प्रोजेक्ट के पहले फेज में 100 मीटर का मॉडल बनाने के लिए दो करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे। दूसरे चरण में 18.86 करोड़ रुपए की लागत से मार्बल स्टोन, ग्रेनाइट स्टोन व डेकोरेटिव पोल लगाए जाने हैं। इसके अलावा प्रोजेक्ट के तहत जॉगिंग ट्रैक, साइकिल ट्रैक, दिव्यांगों के लिए रैंप, विजिटर्स बेंच, फाउंटेन, महापुरुषों की मूर्ति, घाट सीढ़ी, एलईडी लाइट के लिए सजावटी पोल, लैंड स्केपिंग कार्य, पार्किग प्लेटफॉर्म व लेक फ्रंट रेलिंग के साथ दूसरे काम कराए जाएंगे।
लोकल लेवल पर भी कोशिश
इस झील को डेवलप करने के लिए जहां प्रदेश सरकार फंड देने में कोई कंजूसी नहीं कर रही है। वहीं अब लोकल लेवल पर इसे टूरिस्ट स्पॉट बनाए जाने की कवायद भी शुरू हो चुकी है। इसके लिए एंटरटेनमेंट टैक्स डिपार्टमेंट ने भी पीपीपी मॉडल के तहत इसे डेवलप करने की तैयारी शुरू कर दी है। अब पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत यहां पर 12 बोट भी चलाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए दो-तीन पार्टीज से बात भी चल रही है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो नए साल में गोरखपुराइट्स के पास एक बेहतर टूरिस्ट स्पॉट होगा और शहरवासियों के लिए एंप्लायमेंट के दरवाजे खुलेंगे।
यह चीजें कर रही हैं परेशान
- ठेले-खोमचे वालों की भीड़ कंट्रोल करने की कोई व्यवस्था नहीं
- इनके बेचे समानों के प्रॉपर डिस्पोजल की नहीं है कोई व्यवस्था
- जगह-जगह गंदगी के ढेर
- कूड़ा डिस्पोज न होने से ताल का पानी गंदा हो रहा है।
- एसटीपी लगातार चालू न होने से गंदा पानी रामगढ़ताल में जा रहा है।
- जलकुंभी भी बढ़ने लगी है, जिसकी वजह से पानी फिर से गंदा होने लगा है।
रामगढ़ताल परियोजना एक नजर में
- केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालय नेशनल लेक कंजर्वेशन प्लान (एनएलसीपी) के तहत साल 2010 में 124.32 करोड़ रुपए मंजूर
- तीन साल में बदल जाना था रामगढ़ झील का मंजर
- काम में देर की वजह से लागत 124.32 करोड़ से बढ़कर हुई 196.67 करोड़
- सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट को क्रमश: 70 और 30 फीसद करना है पेमेंट
- ओपेन एअर थियेटर, 3 जगहों पर ओमेगा आइसलैंड, 300 वर्गमीटर में नेचर इंटरप्रटेशन सेंटर का होगा निर्माण
- 6 जगहों पर दस सीटों वाला पब्लिक टॉयलेट व जगह-जगह हाईमास्ट लाइटिंग
- गोड़धोईया और पैडलेगंज नाले पर 15 और 30 एमएलडी के सीवेज पंपिंग स्टेशन का निर्माण
- महोरवा की बारी और देवरिया बाईपास पास पर 15 और 30 एमएलडी का सीवेरेज ट्रीटमेंट प्लांट
रामगढ़ताल को बेहतर करने के लिए प्लानिंग चल रही है। इसमें टूरिस्ट को अट्रैक्ट करने के लिए प्रपोजल तैयार किया जा रहा है। इसके तहत ताल में 12 बोट चलाने का भी प्लान है। कुछ प्राइवेट कंपनीज से बात चल रही हैं, अगर सबकुछ ठीक रहा तो नए साल में यहां लोगों को बोटिंग का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा।
- प्रभात कुमार चौधरी, जिला मनोरंजन कर अधिकारी
नया सवेरा योजना के तहत 900 मीटर काम करने के लिए 20 करोड़ रुपये का रिवाइज इस्टीमेट भेजा गया था। शासन ने इसमें से करीब 18 करोड़ की मंजूरी दे दी है। जल्द ही काम शुरू करा दिया जाएगा।
रतनसेन सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर, जल निगम
स्वच्छ भारत मिशन प्रधानमंत्री का सपना है। इसमें जो भी डेंट लगाता पाया जाएगा, या गंदगी फैलाएगा उसको कतई बख्शा नहीं जाएगा। इसके लिए नगर निगम अभियान भी चला रहा है। जो भी गंदगी फैला रहा है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ। सत्या पांडेय, मेयर