- रेलवे कॉलोनी स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में पिछले तीन साल से बंद है कंप्यूटर लैब

- आईटीआई स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल के लिए घर से लाना पड़ता है कंप्यूटर्स

GORAKHPUR : महज चार्ज न मिलने से रेलवे कॉलोनी स्थित आईटीआई की कंप्यूटर लैब डिस्चार्ज पड़ी है। पुराने प्रिंसिपल ने नए को चार्ज नहीं दिया। अब आलम यह है कि स्टूडेंट्स अपने घर से लैपटॉप लाकर प्रैक्टिकल करने को मजबूर हैं। कंप्यूटर लैब में ताला लटका हुआ है और स्टूडेंट्स आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं।

तीन साल पहले खरीदे गए थे कंप्यूटर्स

रेलवे कॉलोनी स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के व्यवसाय-आशुलिपि हिंदी, कंप्यूटर कक्ष में तीन साल पहले तत्कालीन प्रिंसिपल गोविंद कुमार ने कंप्यूटर्स की खरीदारी कराई थी। करीब 30 लाख रुपए खर्च कर लगाए गए कंप्यूटर्स के जरिए स्टूडेंट्स को टेक फ्रेंडली बनाने की प्लानिंग थी। लेकिन हीलाहवाली में लैब का ताला नहीं खुला और कंप्यूटर धूल फांकते रहे। अब प्रिंसिपल चेंज हुए तो चार्ज ट्रांसफर करने पर पेंच फंसा हुआ है। इससे कई प्रशासनिक कार्य भी अटके पड़े हैं।

हो रही आंदोलन की तैयारी

स्टूडेंट्स ने कई बार टीचर्स व प्रिंसिपल से लैब खुलवाने की गुजारिश की, लेकिन हर बार मामला टरका दिया गया। स्टूडेंट्स में इस बात का रोष है कि जब इन कंप्यूटर्स पर प्रैक्टिकल नहीं कराने थे फिर खरीदारी क्यों कराई गई? स्टूडेंट्स का यह भी कहना है कि अगर समय से कंप्यूटर लैब नहीं खुला तो वह उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

आज के हाइटेक एरा में भी हम टाइपराइटर पर टाइपिंग सीखते हैं। लैब में कंप्यूटर रखे हुए हैं, लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं होता है। कई बार प्रिंसिपल से कहा गया है पर कोई कार्रवाई है।

श्वेता यादव, स्टूडेंट

पिछले तीन सालों से कंप्यूटर लैब बंद पड़ी है। इसे खुलवाने के लिए कई बार प्रिंसिपल से कहा जा चुका है, लेकिन आज तक लैब नहीं खुल सकी।

पूजा यादव, स्टूडेंट

व्यवसाय आशुलिपि हिंदी कंप्यूटर भवन केवल कहने के लिए बनाया गया है। यहां न तो कंप्यूटर पर प्रैक्टिकल कराया जाता है और ना ही हम सभी ने कभी कंप्यूटर का मुंह देखा है।

कृष्ण कुमार शर्मा, स्टूडेंट

स्टूडेंट्स घर से लैपटॉप लाते हैं। कई बार प्रिंसिपल से शिकायत की जा चुकी है कि कंप्यूटर लैब खुलवाएं, लेकिन कोई असर ही नहीं पड़ता।

नवीन, स्टूडेंट

तत्कालीन प्रिंसिपल ने मुझे अब तक चार्ज नहीं दिया है जिसके कारण मैं अग्रिम कार्रवाई नहीं कर पा रहा हूं। उच्चाधिकारियों को इसके लिए लेटर लिखा है। उम्मीद है जल्द ही चार्ज मिल जाएगा। उसके बाद कंप्यूटर लैब खोल दिया जाएगा।

पीएन त्रिपाठी, प्रिंसिपल, आईटीआई, रेलवे कॉलोनी