- मंथ के हर दूसरे मंडे नागरिक समस्या सामाधान शिविर लगाने का दिया था आदेश

- कैंप में आए मामलों में से 44 अभी तक नहीं हुए निस्तारित

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पब्लिक ग्रीवांसेज से जुड़ी स्कीम पर नगर निगम के अफसर पलीता लगाने पर तुले हुए हैं। गौरतलब है कि जुलाई में मुख्यमंत्री ने आदेश दिया था कि हर महीने के तीसरे मंडे को नागरिक समस्या समाधान शिविर लगाया जाएगा। जिसमें आने वाली कंप्लेंट्स को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित किया जाएगा। नगर निगम के अफसर सीएम के इस आदेश के बाद भी नहीं चेत रहे हैं। हालत ये है कि 5 माह में लगे कैंप में आए मामलों में से अभी तक 44 मामले पेंडिंग पड़े हुए हैं।

44 मामले अभी तक पेंडिंग

सीएम के आदेश के बाद नगर निगम ने सिटी में कुल 4 जगहों पर नागरिक समस्या समाधान शिविर का आयोजन किया। अभी तक सिटी में कुल 5 शिविर लगाए गए हैं। जिनमें कुछ 229 मामले आए। इनमें से 185 मामलों का निस्तारण किया गया, जबकि 44 आज भी निस्तारण की राह देख रहे हैं।

डेट मामले अनिस्तारित

11-8-2014 86 10

8-9-2014 71 14

13-10-2014 25 4

10-11-2014 23 2

8-12-2014 24 14

कुल आए मामले 229 44

5 माह में 10 मामले न हो सके निस्तारित

प्रदेश सरकार ने जुलाई 2014 में आदेश दिया था। उसके बाद 11 अगस्त को नगर निगम की ओर से पहला कैंप आयोजित किया गया। इस पहले कैंप में कुल 86 कंप्लेंट आई। जिनमें से 10 मामले अभी तक लटके हुए हैं। 5 माह बीत जाने के बाद भी ये मामले निस्तारित नहीं हो सके। इनमें पथ प्रकाश के 6 और अतिक्रमण के 3 मामले हैं। शिकायत करने वाले मामलों के निस्तारण के लिए अफसरों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन प्रभारियों के कान पर जूं नहीं रेंग रही है।

नागरिक समस्या समाधान शिविर में आने वाली कंप्लेंट्स की लिखित जानकारी संबंधित विभाग के प्रभारी को दी जाती है। कुछ प्रभारियों की लापरवाही से मामले निस्तारित नहीं हो पा रहे हैं। मीटिंग में सभी प्रभारियों को हिदायत दी जाएगी कि शिविर में आए मामले में लापरवाही नहीं बरतें।

बृजेश सिंह, लेखाधिकारी व प्रभारी, नागरिक समस्या समाधान शिविर

शिविर में आने वाली कंप्लेंट निस्तारित की जा रही हैं। कुछ मामले अभी तक नहीं निस्तारित हो पाए हैं, उनके निस्तारण के लिए आदेश दे दिया गया है। अतिक्रमण की सूची अतिक्रमण प्रभारी को सौंप दी गई है। जल्द ही सभी मामले निस्तारित कर दिए जाएंगे।

राजेश कुमार त्यागी, नगर आयुक्त