- बीआरडी मेडिकल कॉलेज में लगी आग सवालों के घेरे में
- अंडर ग्राउंड केबलिंग, स्विच बोर्ड सही सलामत और ट्यूबलाइट का महज हैंगर ही जला
- प्रिंसिपल ने बनाई जांच कमेटी
GORAKHPUR : बीआरडी मेडिकल कॉलेज में वेंस्डे को हुई आगजनी की घटना अब सवालों के घेरे में आने लगी है। जानकारों की मानें तो अंडर ग्राउंड केबलिंग, स्विच बोर्ड पर महज लपटों के निशान और ट्यूबलाइट का जला हैंगर, यह साफ गवाही दे रहा है कि किसी भी कंडीशन में यह शॉर्ट सर्किट नहीं हो सकता। वह इसलिए कि बोर्ड के स्विच जले नहीं बल्कि टूटे हुए हैं, वहीं ट्यूबलाइट का सिर्फ हैंगर ही जला है, जबकि अगर शॉर्ट सर्किट हुआ होता, तो इसकी जद में सबसे पहले स्विच बोर्ड या ट्यूबलाइट हैंगर आता, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। वहीं रूम को देखने से साफ लग रहा है कि सामान में लगी आग की जद में आने से ही बोर्ड और ट्यूबलाइट का हैंगर जला है। ऐसी कंडीशन में अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर शॉर्ट सर्किट से आग नहीं लगी है, तो आखिर आग लगने का क्या रीजन है?
मार्निग में आया सामान और सेम डे लग गई आग
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सर्जिकल स्टोर रूम में वेंस्डे दोपहर करीब तीन बजे आग लग गई। कॉलेज से जुड़े सोर्सेज की मानें तो वहां आग लगने से करीब चार-पांच घंटे पहले 40 लाख रुपए के सर्जिकल सामान रखे गए थे। यह सामान कुछ दिन पहले ही खरीदे गए थे। इतने दिनों से यहां पर कोई प्रॉब्लम नहीं हुई लेकिन ज्यों ही सामान उसमें रखे गए, तो वहां आग लग गई। अब ऐसे में सवाल यह उठने लगा है कि कहीं सामान की खरीद-फरोख्त में कोई हेरा फेरी तो नहीं की गई है, जिसकी वजह से इस घटना को अंजाम देना पड़ा हो, क्योंकि इससे पहले भी मेडिकल कॉलेज में धांधली के कई मामले सामने आ चुके हैं। कॉलेज के सूत्रों की माने तो नवागत प्रिंसिपल डॉ। आरपी शर्मा ने सभी विभागों से अब तक का हिसाब भी मांगा था, जिसे लेकर कुछ दिन पहले एसआईसी डॉ। बीएन शुक्ला विवाद भी हुआ था।
कहीं लगवाई तो नहीं गई है आग
मेडिकल कॉलेज में दवा के दलालों का बड़ा नेटवर्क वर्क करता है। अभी हाल ही में नेहरू चिकित्सालय के मेडिसिन स्टोर से लाखों की दवाएं चोरी हो गई थीं, वहीं कुछ दिन पहले एक ट्रक भी एक्सपायर मेडिसिन ले जाते हुए पकड़ा गया था। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि कहीं सर्जरी स्टोर में सामान उतारते वक्त कोई धांधली तो नहीं की गई, जिसको छुपाने के लिए आग लगवा दी गई हो। मेडिकल कॉलेज में पेशेंट्स की अक्सर यह शिकायत रहती है कि मेडिकल कॉलेज में दवाएं नहीं मिलतीं, जबकि वहीं बाहर मौजूद शॉप्स पर डॉक्टर्स की लिखी दवाएं आसानी से मिल जाती हैं। वहीं मेडिसिंस चोरी की घटनाओं में शामिल लोगों के नाम का खुलासा न होने से लोग इसे उस नेटवर्क से भी जोड़ कर देख रहे हैं।
जांच कमेटी गठित
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नेहरू चिकित्सालय स्थित सर्जिकल स्टोर रूम में लगी आग के मामले की जांच के लिए कॉलेज के प्रिंसिपल डा। आरपी शर्मा ने जांच कमेटी बनाई गई है। इसमें डॉ। सुनील आर्या को जांच कमेटी को हेड बनाया गया है। इस कमेटी में डॉ। महिमा मित्तल, डॉ। रीना श्रीवास्तव, डॉ। योगेंद्र, एसआईसी डॉ। बीएन शुक्ल को शामिल किया गया है। यह कमेटी सभी पहलुओं पर जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
आग से नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। आग लगने के कारणों की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया। इससे पहले हुई चोरियों के मामले की जांच रिपोर्ट जांच अधिकारियों को जल्द देने के लिए कहा गया है। घटना की रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है।
- आरपी शर्मा, प्रिंसिपल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज