गोरखपुर (ब्यूरो).गोरखपुर पहुंचे राजू श्रीवास्तव ने उस वक्त फिल्मी कॉमेडी और स्टैंडअप कॉमेडी में काफी फर्क बताया। उनका कहना था कि फिल्मों में एक्टर्स और कॉमेडियन को कोई लाइन लिखकर देता है, फिर एक बार आप बोलेंगे, फिर उसमें हीरो भी बोलता है। कॉमेडियन को हीरो के भाई या नौकर का रोल मिल जाता है। फिल्मों में क्या है कि एक बार कोई डायलॉग भूल गया, तो उसे फिर से बोल लो, रीटेक हो जाएगा। सीन अच्छा नहीं लगा फिर से कर लो, यह जो मंच का अभिनय है, वह है स्टैंडअप कॉमेडी, इसमें कोई री-टेक नहीं है। स्टैंडअप कॉमेडी को जिंदगी से कंपेयर करते हुए राजू ने कहा था कि यहां कॉमेडियन अकेला होता है, उसकी सब लाइनें भी अपनी होती हैं। इसमें जरा सा भी गलती या भूलने की गुंजाइश नहीं है। अगर ऐसा होता भी है, तो प्रेजेंस ऑफ माइंड ऐसा होना चाहिए कि जिससे वह सबकुछ संभाल ले।
तब भी आए जब बुलाया नहीं गया
गोरखपुर महोत्सव में शामिल होने के लिए 2020 में गोरखपुर पहुंचे राजू श्रीवास्तव ने दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से खास बातचीत की। उनका कहना था कि गोरखपुर से उनका काफी गहरा नाता है। यहां से जब भी कोई निमंत्रण मिलता है, न मैं उसमें डिले करना चाहता हूं और न छोड़ता हूं। लोगों का प्यार खूब मिलता है। गोरखनाथ बाबा का दर्शन भी हो जाता है। जबसे गोरखपुर से निमंत्रण मिला है, मैंने अपने सारे काम आगे-पीछे कर दिए, शूटिंग की डेट पोस्टपोन कर दी। उनका कहना था कि गोरखपुर मेें मैं अक्सर गोरखपुर आते-रहते थे। भी-कभी मैं यहां तब भी आ जाता हूं, जब मुझे बुलाया नहीं जाता है। मन की शांति और सुकून के लिए स्वेच्छा से आता रहता हूं।
स्वच्छ भारत अभियान में खुद से आए
बातचीत के दौरान स्वच्छ भारत स्वस्थ्य भारत के प्रति ड्यूटी है। जागरुक करने की दो साल पहले मैं यहां खुद आया था। अस्पताल में जो हुआ था, बच्चे नहीं रहे थे, मुझे सूचना मिली थी कि ऑक्सीजन की कमी एक वजह है ही साथ ही गंदगी भी वजह थी। मैं यहां आया था सफाई अभियान चलाया, रेलवे स्टेशन पर भी झाड़ू लगाई थी, अस्पताल में भी गया था। यहां आना सुखद अनुभवन होता है, यहां के लोग जो बुद्धिजीवी वर्ग है अगर यहां किसी ने कलाकार ने तालियां बटोर लीं, तो हिंदुस्तान में कोई सफल होने से नहीं रोक सकता।
कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव दी गई श्रद्धांजलि
कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव के निधन पर सन रोज संस्थान ने श्रद्धांजलि सभा आयोजित की। इस दौरान दिवंगत आत्मा की शांति के लिए सभी लोगों ने 2 मिनट का मौन रखकर उनके छायाचित्र पर पुष्पांजलि और दीप जलाकर श्रद्धांजलि दी। चेयरमैन विवेक कुमार ने कहा कि राजू श्रीवास्तव जिंदादिल इंसान थे। वह अपने हुनर के माध्यम से गम को खुशी में परिवर्तित करने की कला थी। उनकी स्मृतियां लोगों के दिलों में हमेशा हमेशा स्थापित रहेंगी। श्रद्धांजलि सभा में डॉ। सुमन श्रीवास्तव, इरफान मुगल, देव अस्थाना, कनक हरि अग्रवाल, शान्ति भवानी, शिखा पांडेय, गायत्री देवी, सुमन मिश्रा तमाम कलाकार एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।
राजू का जाना अत्यंत दुखद: प्रो। अशोक कुमार
डीडीयूजीयू के पूर्व वीसी प्रो। अशोक कुमार ने राजू श्रीवास्तव के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक अत्यंत दुखद समाचार है। मेरा उनसे व्यक्तिगत संबध था। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। परिजनों को संबल मिले। राजू जी को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने भावभीनी श्रद्धांजलि भी अर्पित की।