GORAKHPUR: डीडीयूजीयू ने कॉलेज प्रबंधन पर कार्रवाई की पूरा मन बना चुकी है। अब तक जिन कॉलेज प्रबंधन ने एआईएसएचई की रिपोर्ट नहीं सबमिट की है। उसके खिलाफ अब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सख्ती से कदम उठाने के लिए तैयार हो गया है। यूनिवर्सिटी ने रिपोर्ट सब्मिट करने के लिए 15 फरवरी की डेड लाइन भी डिक्लेयर कर दी है।
उदासीनता पड़ सकती है भारी
बता दें, देश में उच्च शिक्षा की स्थिति को समझने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (एआईएसएच) को शुरू किया गया था। इसको लेकर गोरखपुर-बस्ती मंडल के कॉलेजेज के उदासीन रवैये की वजह से यूनिवर्सिटी परेशान है। कई बार तिथियां बढ़ाए जाने के बावजूद भी कॉलेज प्रशासन ने न तो एआईएसएचई को पूरी जानकारी दी है और ना ही यूनिवर्सिटी को। ऐसे में अगर 2015-16 सेशन के पूरी रिपोर्ट कॉलेज प्रबंधन एआईएसएचई रिपोर्ट सबमिट नहीं करता है तो इनके विरुद्ध कार्रवाई तय है।
संबद्धता हो सकती है समाप्त
डीडीयूजीयू प्रशासन ने इन कॉलेजों को शैक्षणिक सत्र 2012-13 और 2013-14 के लिए वांछित जानकारी देने का अंतिम समय 30 दिसंबर 2014 निर्धारित गया, अगर कॉलेजों के द्वारा निर्धारित समय तक यह जानकारी नहीं उपलब्ध कराई गई तो उनके खिलाफ यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही की जा सकती है। यूनिवर्सिटी से मिली जानकारी के मुताबिक, सर्वेक्षण के तहत कालेजों को अपने संस्थान के संबंध में निर्धारित प्रोफार्मा को भरकर जानकारी उपलब्ध करानी है। उन्होंने बताया कि कॉलेजों से तीन सत्र 2012-13, 2013-14 और 2015-16 की जानकारी मांगी गई है। लेकिन किसी ने जानकारी नहीं दी है।
2012 से नहीं दे रहे रिपोर्ट
यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक, कुल 387 कॉलेजों में से सत्र 2012-13 के लिए केवल 169 और 2013-14 के लिए 56 कॉलेजों ने ही जानकारी उपलब्ध कराई है। वहीं चालू सत्र के लिए केवल एक कॉलेज ने जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि अब तक 232 कालेजों ने संबंधित वेबसाइट पर अपना आईटी प्रूव कराया है। जिन कॉलेजों ने जानकारी नहीं दी है। उन्हें 30 दिसंबर तक हर हाल में जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया था।
क्या है एआईएसएचई?
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के द्वारा 2010 में लागू किया गया। इसके तहत देश के सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को ऑन लाइन शैक्षिक डाटाबेस भरना है। इस डाटाबेस में संस्थान की सामान्य जानकारी, शिक्षकों, कर्मचारियों की शैक्षिक योग्यता, चलाए जा रहे कोर्स, छात्रों की संख्या, फीस, छात्र पंजीकरण, मिलने वाले अनुदान, विभिन्न मदों में जुटाए और किए गए खर्च की जानकारी मांगी गई थी, जिसे संबंधित वेबसाइट पर लोड करना था। डाटाबेस न भरने के कारण कॉलेजों को मिलने वाला अनुदान हो रद्द हो सकता है।
जिन कॉलेज प्रबंधन ने अब तक एआईएसएचई की रिपोर्ट सब्मिट नहीं की है। उनके विरुद्ध कार्रवाई तय है। उनकी संबंद्धता तत्काल समाप्त कर दी जाएगी।
प्रो। अशोक कुमार, वीसी, डीडीयूजीयू