गोरखपुर (ब्यूरो)।बार-बार कॉकरोच के झुंड से परेशान होकर अपने पापा की गोद में चिपक जा रही थी। दरअसल, देवनाथ अपने फैमिली मेंबर के साथ गोरखपुर से दिल्ली जाने वाली हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन के थर्ड एसी कोच नंबर बी-17 के बर्थ नंबर 3, 5, 6 व 8 नंबर पर सफर के लिए चढ़े थे। लेकिन उनकी सीट पर यात्रियों के साथ कॉकरोच की फैमिली भी सफर कर रही थी। हालांकि, रिजर्वेशन कराने वाले देवनाथ ने कॉकरोच के आंतक से आजिज आकर रेल मंत्री से लेकर रेलवे के आला अधिकारियों तक इसकी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई भी मौके पर मदद करने नहीं आया। वह भी तब जब रेलवे के आला अधिकारी यात्रियों को बेहतर सुविधा देने का दावा अक्सर करते रहते हैं।
डरी सहमी रही फैमिली
देवनाथ ने बताया कि उनकी पत्नी अनिता, बेटी सुहासिनी व बेटा नितिश कुमार के साथ कंफर्म सीट पर बैठे थे। उनके पास बेड रोल भी आ चुका था। बेड रोल और बर्थ के आसपास इतने कॉकरोच के झुंड ने आंतक मचाना शुरू किया कि देवनाथ थोड़े असहज जरुर हुए, लेकिन उनकी बेटी डर के मारे पापा के गोद में ही बैठी रही। वह बेहद डरी रही। ट्रेन चल चुकी थी, फिर देवनाथ ने बेटी के डर को देखते हुए रेलवे के सीपीआरओ, रेल मदद, ईस्टर्न रेलवे, नार्दन रेलवे, अश्विनी वैष्णव तक को ट्वीट कर इसकी शिकायत दर्ज कराई। रेलवे सेवा की तरफ से असुविधा के लिए खेद प्रकट किया गया। लेकिन समस्या का समाधान करने मौके पर कोई नहीं आया।
रेल मदद पर शिकायत करने पर लिए जाते हैैं डिटेल्स
रेलवे की तरफ से कोचेज की साफ-सफाई का दावा किया जाता है। केमिकल से छिड़काव कराया जाता है। वर्कशाप के निकलने के बाद ही उसका संचलन कराया जाता है। कोच अटेंडेंट भी साफ-सुथरे बेड रोल को एसी कोचेज तक पहुंचाते हैैं। कोच के भीतर कॉकरोच और कीड़े मकौड़े के निकलने पर उसका तत्काल निस्तारण कराया जाता है, रेल मदद पर आने वाले शिकायतों के निस्तारण के लिए डिटेल्स ले लिए जाते हैैं। लेकिन मौके पर आने वाले रेलकर्मी उदासीन नजर आते हैैं। जबकि रेल मदद और 139 हेल्प लाइन नंबर प्रतिदिन 1200 से ज्यादा शिकायतें आती हैैं। वहीं मैनुअल शिकायतों के आने का सिलसिला फिलहाल बेहद कम हो चुका है।
हर महीने आने वाली औसतन कंप्लेन
- 139 हेल्पलाइन नंबर पर कंप्लेन - 7500
- रेलवे के वेबसाइट पर कंप्लेन - 1800
- सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक) पर कंप्लेन - 1000
- रेल मदद एप - 1100
- डिजिटल प्लेटफार्म पर कुल कंप्लेन - 11,400
डिजिटल प्लेटफार्म पर इस तरह आ रहीं कंप्लेन
- कैरेज एंड वैगन
- लगेज एंड पार्सल
- अनरिजव्र्ड टिकट
- इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स
- सेफ्टी संबंधी
- स्टाफ बिहैवियर
- रिफंड ऑफ टिकट
- पानी की उपलब्धता
- कैटेरिंग व वेडिंग
- मेडिकल ट्रीटमेंट
- पंक्चुअलिटी
- कोच मैनटेनेंस
हमसफर एक्सप्रेस में सफर करने वाले यात्री शिकायत को गंभीरता से लिया गया था। उसके निस्तारण के लिए संबंधित जिम्मेदार को निर्देशित भी कर दिया गया था। लेकिन इस मामले की जांच कराई जाएगी। आखिरकार कॉकरोच आए कैसे और क्यों नहीं इसकी प्रॉपर साफ-सफाई हुई।
पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे