गोरखपुर (ब्यूरो)। ऐसा करने पर स्कूल की मान्यता भी समाप्त की जाएगी। ये डिसीजन स्कूल्स एसोसिएशन गोरखपुर और सहोदय स्कूल्स एसोसिएशन की संयुक्त मीटिंग में लिया गया। दोनों ही संगठन ने एकमत होकर कहा कि नॉन स्कूलिंग की वजह से बच्चों का भविष्य खतरे में हैं। उसे बचाने के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं, जिसका अनुपालन सभी को करना है।
स्कूल टाइम में नहीं चलेगी कोचिंग
नॉन स्कूलिंग के विरोध में स्टेपिंग स्टोन इंटर कॉलेज में मीटिंग ऑर्गनाइज की गई, जिसमे गोरखपुर के 100 से अधिक सीबीएसई, आईसीएससीई स्कूलों के डायरेक्टर और प्रिंसिपल ने पार्टिसिपेट किया। चीफ गेस्ट विधायक अनिल कुमार त्रिपाठी ने भी नॉन स्कूलिंग का विरोध किया। इस दौरान कोचिंग संस्थान के प्रमुख भी मौजूद रहे, जिनसे निवेदन किया गया कि स्कूल टाइम में केवल 12वीं पास बच्चों की ही कोचिंग चलाई जाए। कोचिंग एसोसिएशन के सचिव रजनीश सिंह ने भी अपने एसोसिएशन में इस विषय को उठाने और साथ ही साथ नॉन स्कूलिंग और हाइब्रिड स्कूलों के विरुद्ध कार्रवाई को सही बताया।
हाईकोर्ट में दायर की याचिका
मीटिंग के दौरान बताया गया कि एक स्कूल प्रबंधक ने नॉन स्कूलिंग और कोचिंग संस्थानों के विषय की गंभीरता को समझते हुए उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है, जिसमें ऐसे स्कूल जो कोचिंग संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, उन सभी पर जीएसटी और अन्य टैक्स प्रणाली लागू की जाए। साथ ही साथ ऐसे सभी स्कूलों की मान्यता तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाए।
स्कूलों में जाकर बताएंगे साइड इफेक्ट
एसोसिएशन के संरक्षक सृंजय मिश्र ने कहा, यदि आवश्यकता पड़ी तो उन सभी स्कूलों के प्रबंधकों से व्यक्तिगत रूप से एसोसिएशन मिलेगा। जो इस कार्य में लिप्त है और नॉन स्कूलिंग और हाईब्रिड स्कूलों के साइड इफेक्ट को उन्हें समझाने का प्रयास करेगा।
विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा
चीफ गेस्ट अनिल कुमार त्रिपाठी ने भी इस गंभीर विषय को विधानसभा में उठने का आश्वासन दिया और साथ ही साथ अगले एक महीने के अंदर ऐसे सभी स्कूलों और कोचिंग संस्थानों के विरुद्ध कार्यवाही का भी भरोसा दिलाया। सीबीएसई कोआर्डिनेटर और गोरखपुर सहोदय स्कूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत दीक्षित ने कहा की सीबीएसई रीजनल ऑफिस ने भी इस विषय का संज्ञान लिया है और अगले एक से दो महीनों के अंदर सभी स्कूलों का स्टूडेंट रजिस्ट्रेशन संबंधित इंस्पेक्शन प्रस्तावित है।
खुलकर बोले स्कूल
गोरखपुर स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय शाही ने कहा कि सभी लोग बनाए गए नियम का अपने सीमाओं में रहते हुए पालन करें, यदि ऐसा नहीं होता है तो एसोसिएशन के पास वैधानिक कार्रवाई करने के अलावा कोई और उपाय नहीं होगा। एसोसिएशन सचिव हेमंत मिश्रा ने कहा कि नॉन स्कूलिंग और हाईब्रिड स्कूल बच्चों में बढ़ते हुए अवसाद का प्रमुख कारण हैं। सहोदय के सचिव सुजॉय बिस्वास ने कहा कि इस वर्ष 28 परसेंट बच्चे बोर्ड एग्जाम में फेल हो गए, इसमें से अधिकांश नॉन स्कूलिंग या हाईब्रिड स्कूलों में पढ़ रहे थे। आईसीएसई बोर्ड के जिला इंस्पेक्टर गिरीश चंद्रा ने भी नॉन स्कूलिंग को चिंताजनक बताया। मीटिंग का संचालन सीबीएसई जिला ट्रेनिंग कोआर्डिनेटर डॉ। सलिल के श्रीवास्तव ने किया और स्टेपिंग स्टोन स्कूल के डयएरेक्टर राजीव गुप्ता ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
मीटिंग की प्रमुख बातें
- कोचिंग संस्थानों या हाइब्रिड स्कूलों के स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन करने वाले स्कूल की रद्द होगी मान्यता।
- स्कूल टाइम में नहीं चलेंगी 12वीं क्लास की कोचिंग।
- अगले सेशन से स्कूलों को एसोसिएशन की सदस्यता के लिए शपथ पत्र देना होगा, जिसमे लिखा होगा कि सरकार द्वारा बनाए गए नियम का पालन करेंगे।
- इस वर्ष 28 परसेंट बच्चे बोर्ड एग्जाम में फेल, इसमे अधिकांश नॉन स्कूलिंग स्टूडेंट।