गोरखपुर ब्यूरो।यहां प्रशासन अपनी तैयारियों में जुटा है तो गांव के लोग सीएम के स्वागत में अपने-अपने घर-द्वार को साफ सुथरा बनाने, रंग रोगन करने और सजाने-संवारने में लगा है। तैयारी ऐसी मानों उनके घर उनका आराध्य आने वाला हो। सब कुछ स्वत: स्फूर्त। मिलजुलकर। सीएम इस गांव में रविवार को आकर दीपोत्सव मनाएंगे।

हर साल मनाते हैैं दीपावली

वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया-3 में हर साल दीपावली मनाने वाले सीएम के प्रयासों से इस गांव समेत गोरखपुर-महराजगंज के 23 गांवों और प्रदेश की सभी वनवासी बस्तियों में विकास और हक-हुकूक का अखंड दीप जल रहा है। वास्तव में कुसम्ही जंगल स्थित वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नम्बर तीन एक ऐसा गांव है जहां दीपावली पर हर दीप 'योगी बाबाÓ के नाम से ही जलता है। साल दर साल यह परंपरा ऐसी मजबूत हो गई है कि साठ साल के बुर्जुर्ग (महिला-पुरुष दोनों) भी बच्चों सी जिद वाली बोली बोलते हैं, बाबा नहीं आएंगे तो दीया नहीं जलाएंगे।

2009 में शुरू की परंपरा

वनटांगियों को सामान्य नागरिक जैसा हक दिलाने की लड़ाई शुरू करने वाले योगी ने वर्ष 2009 से वनटांगिया समुदाय के साथ दीपोत्सव मनाने की परंपरा शुरू की। पहली बार इस समुदाय को जंगल से इतर भी जीवन के रंगों का अहसास हुआ। फिर तो यह सिलसिला बन पड़ा। सीएम बनने के बाद भी योगी इस परंपरा का निर्वाह करना नहीं भूलते हैं। इस दौरान बच्चों को मिठाई, कापी-किताब और आतिशबाजी का उपहार देकर पढऩे को प्रेरित करते हैं तो सभी बस्ती वालों को तमाम सौगात।

छह दीपावली में मिटा दी सारी कसक

सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने महज छह दीपावली में वनटांगिया समुदाय की सौ साल से अधिक की कसक मिटा दी है। लोकसभा में वनटांगिया अधिकारों के लिए लड़कर 2010 में अपने स्थान पर बने रहने का अधिकार पत्र दिलाने वाले योगी ने सीएम बनने के बाद अपने कार्यकाल के पहले ही साल वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा दे दिया। राजस्व ग्राम घोषित होते ही ये वनग्राम हर उस सुविधा के हकदार हो गए जो सामान्य नागरिक को मिलती है। अपने कार्यकाल में उन्होंने वनटांगिया गांवों को आवास, शौचालय, सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र और आरओ वाटर मशीन जैसी सुविधाओं से आच्छादित कर दिया है।