-मोहल्लेवालों ने पार्षद के नेतृत्व में चार घंटे तक बनाया बंधक

-वार्ड नंबर 46 आर्य नगर में छह महीने से नहीं आया था सफाईकर्मी

GORAKHPUR:

मोहल्ले में गंदगी का खामियाजा सफाई इंस्पेक्टर को भुगतना पड़ा। वार्ड नं 46 आर्य नगर के नागरिकों ने बुधवार को पार्षद के नेतृत्व में कुर्मीयाना टोला में सफाई इंस्पेक्टर श्रवण सोनकर को बंधक बना लिया। यह नागरिक मोहल्ले में सफाई व्यवस्था से नाराज थे। नागरिकों का आरोप है कि पिछले छह माह से यहां कोई सफाईकर्मी नहीं आया है।

दर्जनों बार शिकायत

नागरिकों के मुताबिक नालियों का पानी सड़क पर बह रहा है। शौचालय के बगल में बने कूड़ादान में कबाडि़यों का कब्जा है। इस वजह से रोड पर कूड़ा और कचरा फैला हुआ है। दर्जनों बार नगर निगम के अधिकारियों से कंप्लेन की गई, लेकिन कोई सुनने को तैयार ही नहीं है। ऐसे में आज सफाई इंस्पेक्टर निरीक्षण करते हुए मिले तो हम लोगों ने उन्हें बंधक बना लिया है। जब तक मोहल्ले की एक-एक गली साफ नहीं हो जाती है हम लोग जाने नहीं देंगे।

25 कर्मचारियों की है तैनाती

आर्य नगर वार्ड में सफाई के लिए नगर निगम की तरफ से कुल 25 सफाई कर्मचारी तैनात हैं। पार्षद राजेश जायसवाल का कहना है कि केवल 15 कर्मचारी ही ड्यूटी करने आते हैं। 10 कर्मचारी हमेशा गायब रहते हैं। जिसके कारण यह प्रॉब्लम आ रही है। मोहल्ले में वार्षिक पूजा हो रही है, लेकिन एक भी सफाईकर्मी मंदिर की सफाई करने नहीं आया है, जबकि कई बार सुपरवाइजर से कहा जा चुका है।

कॉलिंग

यहां एक भी सफाई कर्मी नहीं आता है। इसके कारण सफाई नहीं हो रही है। नालियां ओवरफ्लो हैं, सड़कों पर कूड़ा लगा हुआ है। अगर किसी से कहा जाता है तो वह सफाई एरिया की सीमा बताने लगते हैं

-सीता देवी, हाउसवाइफ

चार दिन से यहां डीहराज मंदिर पर वार्षिक पूजा हो रही है, लेकिन एक भी सफाईकर्मी मंदिर की सफाई करने के लिए नहीं आया है। गंदगी के बीच लोग पूजा करने के लिए मजबूर हैं।

-रमेश चंद चौधरी, स्थानीय नागरिक

यहां बने कूड़ा पड़ाव केंद्र पर कबाडि़यों का कब्जा है। यहां बोरे में भरकर बोतलें रखी हुई हैं। इसके कारण घरों से निकलने वाला कूड़ा लोग रोड पर फेंक रहे हैं और यह कूड़ा सफाईकर्मी के न आने से और मुसीबत खड़ी कर रहा है।

-चतुर्भुज प्रसाद, स्थानीय नागरिक

वर्जन

कोई बंधक नहीं बनाया था। कुर्मीयाना टोला में सफाई नहीं हो रही थी, वहां जाने पर कुछ लोगों ने बैठाकर अपनी समस्या बताई है। कुछ अस्थायी कर्मचारी हैं, जो डेली कार्य पर नहीं आते हैं। इसके कारण कर्मचारियों की कमी हो जाती है। नहीं आने वालों को अब्सेंट कर दिया जाता है।

-श्रवण सोनकर, सफाई निरीक्षक, नगर निगम