- सोमवार की शाम पोखरे की सफाई के लिए मेवालाल को किया गया था तैनात

- पोखरे की गंदगी का आरोप लगने पर बिसरा प्रीजर्व

GORAKHPUR: राजघाट पुल के पास बना मूर्ति विसर्जन वाला पोखरा नगर निगम के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। पिछले साल दशहरा के दिन क्रेन पलट गया, इस बार लक्ष्मी प्रतिमा के विसर्जन ने मुसीबत खड़ी कर दी। लक्ष्मी प्रतिमा के लिए सफाई करने पोखरे में उतारा सफाई कर्मी मेवालाल (45) चक्कर आने के कारण गिर गया। उसने सीने में दर्द की बात बताई। सफाई कर्मी के गिरते ही आनन-फानन में लोग उसे जिला अस्पताल लेकर आए, जहां देर रात उसकी मौत हो गई। प्राथमिक स्तर पर डॉक्टरों ने हार्ट अटैक की शंका जाहिर की। वहीं, लोगों ने आरोप लगाया कि पोखरे का पानी जहरीला हो गया है, जिससे उसकी मौत हुई है। लोगों के आरोप पर सफाई कर्मी का बिसरा प्रीजर्व कर दिया गया।

दशहरा के बाद से नहंी हुई थी सफाई

नगर निगम ने दशहरा के पहले बहुत मशक्त के बाद राजघाट के पास दो नए पोखरे का निर्माण शुरू कराया था। इसी पोखरे में दशहरा की लगभग 1200 से अधिक मूर्तियों का विसर्जन किया गया। उसके बाद इस पोखरे में पानी और मूर्ति के अवशेष को उसी तरह से छोड़ दिया गया। यह मलवा और मूर्ति में उपयोग किया गया कृत्रिम रंग उसी तरह से पोखरे में पानी में घुला था। दिवाली के बाद जब लक्ष्मी पूजा की तैयारी को लेकर नगर निगम पर दबाव बना तो आनन-फानन में सफाई शुरू हुई। इसी कार्य के लिए सफाई कर्मी मेवालाल पोखरे में उतरा था।

लोगों ने बताया कि सफाई के बाद जब मेवालाल पोखरे से उतरा और उसके बाद जब निकला तो चक्कर खाकर गिर गया। उसके बाद सीने में उसने शिकायत की बात बताई। डॉक्टरों ने बताया कि उसे मायोकार्डियक अटैक आया था। इसकी वजह पुरानी बीमारी, अत्यधिक वजन उठाना या अन्य वजहें हो सकती हैं। उधर, परिजनों ने आरोप लगाया कि पोखरे में गंदगी के चलते पानी जहरीला हो गया होगा और इसी के चलते उसकी मौत हुई है।

क्यों जहरीला हुआ पानी

विश्वकर्मा की मूर्ति- 100

दुर्गा प्रतिमा - 1200

गणेश प्रतिमा - 300

लक्ष्मी प्रतिमा - 800

वर्जन

राजघाट पर बने मूर्ति विसर्जन वाले पोखरे की देखरेख नगर निगम करता है। सोमवार को सफाई कर्मी की ड्यूटी के दौरान मौत हुई है। यह घटना बहुत दुखद है, पूरा नगर निगम सफाई कर्मी के परिवार के साथ है। नगर निगम के नियमानुसार बेटे को मृतक आश्रित कोटे से नौकरी दी जाएगी।

बीएन सिंह, नगर आयुक्त, नगर निगम