- डेवलपिंग एयरपोर्ट होने के बावजूद मिला है रैंप और व्हीलचेयर

- एयरलाइंस की ओर से उपलब्ध कराई जाती है सुविधा

GORAKHPUR: दिव्यांगों के साथ होने वाले सुलूक को परखने की दूसरी कड़ी में आई नेक्स्ट ने सोमवार को एयरपोर्ट पर हालात जांचे। दिल्ली की तुलना में बहुत कम विकसित होने के बावजूद गोरखपुर के एयरपोर्ट पर दिव्यांगों के लिए सुविधा भी है और संवेदना भी।

पॉजिटिव था रिस्पांस

आई नेक्स्ट रिपोर्टर सोमवार को 3:00 बजे गोरखपुर एयरपोर्ट पहुंचा। आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने एयरपोर्ट के मेन गेट पर तैनात सुरक्षा कर्मियों से बताया कि एक दिव्यांग को यात्रा करनी है हम कार से उसे यहां ला रहे हैं। उसे कैसे प्लेन तक ले जाया जाएगा? सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि ले आइए व्हीलचेयर यहां तक आ जाएगी। बस दो मिनट रुकना होगा। सुरक्षाकर्मी ने बताया कि यहां से गाडि़यां अंदर नहीं जाती हैं। लेकिन किसी बीमार और दिव्यांग पैसेंजर के आने पर कार को गेट ले जाने की अनुमति मिल जाती है। गेट से अटेंडेंट उसे व्हील चेयर पर अंदर ले जाते हैं। इस दौरान एयरपोर्ट डायरेक्टर बीएस मीना ने बताया कि एयर इंडिया की ओर से व्हील चेयर की व्यवस्था की गई है।

वर्जन

सूचना के दो से पांच मिनट के अंदर दिव्यांग या बीमार पैसेंजर को एयर इंडिया के अटेंडेंट गेट पर ही अटेंड करते हैं। एयरपोर्ट परिसर में रैंप भी है। प्लेन पर चढ़ाने के लिए दो व्यक्ति मौजूद रहते हैं। हम इसकी जानकारी क्रू मेंबर को भी देते है, जिससे दिल्ली एयरपोर्ट पर पैसेंजर को ये सुविधाएं उपलब्ध हो जाएं। पैसेंजर की सुविधाओं को एयरपोर्ट अथारिटी खुद ध्यान रखती है।

-बीएस मीना, डायरेक्टर गोरखपुर एयरपोर्ट

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-गोरखपुर एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए एयर इंडिया की प्लेन सप्ताह के सातों दिन चलती है।

-प्लेन में 70 सीटें है। औसतन हर रोज 100 पैसैंजर्स आवागमन करते हैं।

- यहां से करीब 40 परसेंट पैसेंजर्स दिल्ली होते हुए दूसरे शहरों और गल्फ कंट्रीज जाते हैं।

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दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए भीड़

जिले में हर साल करीब ढाई हजार दिव्यांग प्रमाणपत्र बनते हैं। प्रत्येक सोमवार में असुरन चौराहा स्थित सप्लाई बिल्डंग में सीएमओ दफ्तर की टीम दिव्यांगों का सर्टिफिकेट बनाती है। इस दौरान डॉक्टर्स की टीम भी मौजूद रहती है। अप्रैल 2015 से लेकर अब तक 2175 दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाए जा चुके हैं। हर सोमवार को 75 से 95 सर्टिफिकेट बनाए जाते हैं।