गोरखपुर (ब्यूरो)।काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई)ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत सभी स्कूलों को साल 2023-24 से क्लास 6-8 तक के लिए ये प्लान लागू करने को कहा है। इसके लिए स्कूलों को काउंसिल ने गाइडलाइन भी भेजी है।
तनाव मुक्त पढ़ाई पर जोर
इसका मुख्य उद्देश्य स्कूलों में स्टूडेंट्स के लिए तनाव मुक्त पढ़ाई कराना है। साथ ही किताबों के अलावा उनका स्किल डेवलप हो इस पर जोर देना है। शुरू में क्लास 6 से 8वीं के स्टूडेंट्स के लिए कम से कम 10 बैगलेस दिन या 60 घंटे प्रति वर्ष तय किए गए हैं।
वोकेशनल ट्रेनिंग के साथ इंटर्नशिप
इस दौरान स्टूडें्स को वोकेशनल ट्रेनिंग के तहत कारपेंटर, कृषि, गार्डनिंग, लोकल आर्टिस्ट आदि की इंटर्नशिप कराई जाएगी। स्कूलों को स्थानीय समस्याओं पर स्टूडेंट्स द्वारा सर्वेक्षण और साक्षात्कार की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। स्टूडेंट समस्याओं के बारे में संबंधित डेटा और जानकारी एकत्र कर क्वेश्चन तैयार करेंगे और अपने आसपास के लोगों से बात करेंगे ताकि वे समस्याओं का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त कर समाधान खोज सकें।
कोविड काल का बच्चों पर गहरा असर पड़ा है। बच्चों के साथ अब टीचर्स को भी खुद को बदलना होगा। काउंसिल की तरफ से ये अच्छी पहल की गई है। बच्चे बाहर जाकर कुछ अलग सीख पाएंगे। सबसे पहले क्लास 6 से 8 वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए ये पहल की जा रही है।
गिरिश चंद्रा, डायरेक्टर, सेंट पॉल्स स्कूल
बिना बैग वाले दिन बच्चों को मस्ती के साथ खुशी-खुशी कुछ अलग सीखने में मदद मिलेगी। साथ ही उनका स्किल भी डेवलप होगा। ये कांउसिल की तरफ से अच्छी पहल की गई है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी में भी ये बात आई है।
अजय शाही, डायरेक्टर, आरपीएम एकेडमी
यह पहल स्टूडेंट्स को व्यावसायिक शिल्प से परिचित कराने और उन्हें कौशल-आधारित गतिविधियों से जोडऩे की दिशा में एक अच्छा कदम है। आने वाले समय में अन्य क्लास के बच्चों को भी इसका फायदा मिलेगा।
राजीव गुप्ता, डायरेक्टर, स्टेपिंग स्टोन इंटर कॉलेज
बैगलेस दिनों के दौरान स्टूडेंट्स को शैक्षिक पर्यटन और बड़ी कंपनियों में घुमाया जाएगा। उनका स्किल्स डेवलेप करने के लिए काउंसिल की तरफ से अच्छी पहल की गई है। इससे स्टूडेंट्स को काफी फायदा मिलेगा।
अर्जुन वैभव श्रीवास्तव, डायरेक्टर, स्प्रिंगर पब्लिक स्कूल