-चिट फंड कंपनी बर्डवान सन्मार्ग के फर्जीवाड़े का मामला

- दोगुना फायदे का जाल बुना, फंसते चले गए लोग

- एक साल पहले कोलकाता में बंद हो गया था कारोबार

GORAKHPUR: हम भी कमाएं, तुम भी कमओ, चलो मिलकर मुर्गे फंसाए। कुछ इसी फंडे के साथ चिट फंड कंपनी सिटी में आई। बैंक रोड के शंकर कांपलेक्स में ब्रांच खोलकर धीरे-धीरे अपना जाल फैलाया। एक-एक शिकार बनाया। पहले कुछ लोगों को नौकरी दी। फिर कुछ लोगों को एजेंट बनाया। एजेंट्स ने पूरे मंडल में घूमकर कस्टमर्स का पैसा जमा कराया। हर कोई गलतफहमी में पड़ा भुगतान होने का इंतजार करता रहा। जमा रुपयों का भुगतान न होने पर लोगों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी।

पांच परसेंट कमीशन, क्क् परसेंट ब्याज, लोन का तिहरा फायदा

गोरखनाथ थाना के पीछे रहने वाले सुजीत कुमार भी बर्डवान सन्मार्ग के पीडि़त हैं। सुजीत की स्टेशनरी की दुकान से थोड़ी कमाई हो जाती है। तीन साल पहले एक एजेंट उनके पास पहुंचा। उसने अच्छा रिटर्न दिलाने का झांसा दिया। उसकी बातों में आकर सुजीत ने रुपए जमा कराए। एक बार कंपनी ने पूरा भुगतान किया। लेकिन दूसरी बार भ्0 हजार जमा कराया तो आज तक भुगतान नहीं दिया। सिधारीपुर निवासी कलामुद्दीन कंपनी के एजेंट बने। छह माह पूर्व उन्होंने एकाउंट चालू किया। सफीउज्जमा अंसारी के कहने पर वह फायनेंस से जुड़े। एजेंट ने बताया कि क्00 रुपए जमा कराने पर क्क् परसेंट का ब्याज मिलेगा। जब चाहेंगे तब आकर कंपनी से भ्0 रुपए का लोन ले सकेंगे। इसके साथ ही यदि किसी का पैसा जमा कराते हैं तो उसका पांच परसेंट कमीशन अलग से मिलेगा। इस चक्कर में पड़कर कलामुद्दीन ने फ्0 हजार जमा करा दिया। जय प्रकाश नगर के उपेंद्र शाही, मुन्ना, धनेष ने इसी तरह से रुपए जमा कराए। कुशीनगर जिले के पगरा निवासी शमशुदीन ने ख्8 माह में म्0 हजार की रकम जमा कराई।

एक साल पहले बंद हो गई मेन ब्रांच, चलता रहा खेल

कंपनी से जुड़े लोगों को पुलिस तलाश रही है। लेकिन वे सभी गायब हो गए हैं। कंपनी के बंद होने की सूचना पर मंडे को लोग शंकर कांप्लेक्स स्थित ब्रांच आफिस पहुंचे। लोगों ने बताया कि उनको धोखे में रखा गया जबकि कोलकाता में बनी कंपनी की मेन ब्रांच एक साल पहले बंद हो चुकी है। सेबी के टाइट होने पर बिहार में इसकी ब्रांच बंद कर दी गई। इसके बावजूद यहां पर सदानंद पांडेय, आलोक रंजन सहित अन्य लोगों ने रुपए जमा कराए। ऑनर सौम्य पहले भी जेल जा चुका है। ग्राहकों ने आरोप लगाया कि सदानंद पांडेय ने गड़बड़झाला करके फ्भ् लाख का मकान बनवाया है। अन्य लोगों ने भी इसका फायदा उठाया। इसलिए उनको पकड़े जाने के बाद मामले का खुलासा हो सकेगा। उधर पुलिस हिरासत में मौजूद एजेंट्स के घरवाले कैंट थाना का चक्कर लगाते रहे। लोग इस कोशिश में लगे रहे कि किसी तरह से मामला मैनेज हो जाए।

पासबुक और पर्ची लेकर भटक रहे कस्टमर

बर्डवान सनमार्ग में रुपए जमा कराने वाले कस्टमर पासबुक और जमा पर्ची लेकर घूम रहे हैं। गोरखपुर और बस्ती मंडल में कंपनी का टर्न ओवर हर महीने करीब एक करोड़ पहुंच गया था। एक साल पहले बंद हुई कंपनी में फर्जी तरीके से रुपए जमाकर करीब क्भ् करोड़ का गोलमाल किया गया है। ट्यूज्डे को तमाम लोगों ने आई नेक्स्ट को कॉल करके अपनी पीड़ा बताई। कुछ लोग शंकर कांप्लेक्स स्थित कंपनी की ब्रांच पर भी पहुंचे। लोगों ने कहा कि अलग-अलग तहरीर देकर एजेंट्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा, क्योंकि एजेंट्स के कहने पर ही उन लोगों ने पैसा जमा कराया था।