- अपने पिता को ढुंढवाने के लिए पहले भी अनशन पर बैठ चुके हैं ये मासूम

- आरोपी कच्ची दारू के कारोबारी पर पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने का आरोप

GORAKHPUR : अपने पिता को जिंदा या मुर्दा पाने की मांग को लेकर मासूम फिर एक बार डीएम की चौखट पर पहुंचा। पुराने डीएम से न्याय की गुहार लगा चुके परिवार के सदस्यों ने बुधवार को अनशन शुरू कर दिया। मासूमों का कहना है कि यहां बेबस मासूमों की कोई नहीं सुनता। पुलिस भी सिर्फ पैसे वालों की ही सुनती है। गरीबी के कारण दो साल पहले मां को खो चुके यह मासूम अब गायब पिता की तलाश में अधिकारियों की चौखट पर न्याय की भीख मांग रहे हैं।

पुलिस कर रही जबरदस्ती

करीब डेढ़ महीने तक तिवारीपुर थाने का चक्कर काटने के बाद मासूम रंजनी, काजल, रीतू और लक्ष्मी 28 दिसंबर को डीएम रंजन कुमार के पास पहुंचे। उन्होंने अपने पिता को खोजने की डिमांड को लेकर वहीं आमरण अनशन शुरू कर दिया। पुलिस से पूरी तरह निराश इन बच्चियों को डीएम ऑफिस से भी न्याय नहीं मिला। भूखमरी के करीब आ चुके इन बच्चों पर भी प्रशासन और पुलिस का दिन नहीं पसीजा। उन्होंने इन बच्चों को प्रशासन ने धोखे से डीएम ऑफिस से हटा दिया। इन बच्चों और इनकी बुजुर्ग दादी को जबरन अस्पताल में भर्ती करा दिया।

आरोपी के साथ नरमी क्यों?

दिवाली के दो दिन पहले तिवारीपुर थाना अंतर्गत बहरामपुर निवासी सुनील को गांव की ही कच्ची दारू का कारोबारी बुलाकर ले गया था। दो घंटे बाद वह तो घर आ गया, लेकिन सुनील घर नहीं आया। कुछ दिन इंतजार करने के बाद बूढ़ी मां और बच्चियों की तहरीर पर शराब कारोबारी जवाहिर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने उसे थाने बुलाकर पूछाताछ की और उन्हें छोड़ दिया। जवाहिर से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने गांव के मेटू नाम के व्यक्ति को हिरासत में लिया है, लेकिन पुलिस अभी तक सुनील के बारे में कुछ बता नहीं पा ही है।