-कोरोना पेंडेमिक में 4-13 वर्ष तक के बच्चों की आंखों में आ रही ज्यादा प्रॉब्लम

-गैजेट्स पर ज्यादा वक्त बिताने पर बच्चों के आंखों की रोशनी को लेकर पेरेंट्स परेशान

GORAKHPUR: डॉक्टर साहब, बच्चा आंखों में जलन, पानी निकलना और खुजली होने की शिकायत करता रहता है। स्कूल खुलने वाला है तो इसके आंखों में ही प्राब्लम हो गई है। यह समस्या जिला अस्पताल के आई स्पेशलिस्ट डॉ। एके राय से ओपीडी में आई दीपिका ने बताई। दीपिका जैसे कई पेरेंट्स इन दिनों बच्चों की आंखों को लेकर परेशान हैं। डॉक्टर्स की मानें तो ज्यादातर बच्चों के आंखों में जलन और खुजलाहट की शिकायत आ रही है। इसका मुख्य वजह आंखों में ड्राईनेस है। स्क्रीन पर टकटकी लगाने से ड्राईनेस होता है।

चश्मा बनवाने को हैं मजबूर

मार्च 2020 से ही स्कूल, कॉलेज समेत सभी संस्थाएं कोरोना पेंडेमिक में बंद रहीं। स्कूल की छुट्टी होने से बच्चों ने ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल, टैबलेट व कंप्यूटर का सहारा लिया। मौका पाते ही वीडियो गेम भी खूब खेला। इसका असर अब दिखने लगा है। प्रीति चोखानी बताती हैं कि बेटी वीडियो गेम पर ज्यादा जोर दे रही थी। लेकिन उसे आई प्राब्लम होने के कारण चश्मा लग गया। तब से उसे स्क्रीन पर ज्यादा टाइम नहीं रहने देती। कमोबेश यही हाल संगीता मणि त्रिपाठी के सात वर्षीय बेटे के साथ भी हुआ। बेटा ऑनलाइन क्लास के साथ गेम भी खेलने की लत से आंखों में जलन और खुजलाहट की प्राब्लम से जूझ रहा है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

चश्मा एक्सप्रेस डॉट कॉम आई क्लीनिक एंड चश्मा घर के ऑप्टोमेट्रिस्ट पंकज पांडेय बताते हैं कि बच्चों की आखों में दर्द, धुंधलापन दिखाई देना इन दिनों आम समस्या हो गई है। बड़े लोगों में यह समस्या 45 वर्ष से ऊपर के लोगों में होती थी। वह आज की डेट में 5-12 वर्ष के बच्चों में दिखने लगी है।

ऐसे कर सकते है बचाव

- बच्चों का स्क्रीन टाइम कम करें।

- अगर ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है तो हर 20 मिनट पर 2 मिनट के लिए आखों को आराम दें।

- स्क्रीन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो पलके झपकाना ना भूले।

- चश्मे के लेंस में ब्लू कट लेंस का इस्तेमाल करे।

वर्जन

इन दिनों बच्चे के आंखों में ज्यादा परेशानी दिख रही है। जिला अस्पताल में नि:शुल्क इलाज हो रहा है। ऐसे में मरीज भी बढ़ गए हैं। आंखों में प्राब्लम ज्यादातर स्क्रीन पर वक्त बिताने से आ रही है।

डॉ। एसी श्रीवास्तव, एसआईसी