- कुछ बीमार बच्चों का जिला अस्पताल तो कुछ का निजी अस्पताल में चल रहा इलाज

- गांव में तैनात हैं पांच सफाई कर्मचारी लेकिन गंदगी से फैल रही बीमारी

SAHJANWA: सरकार स्वच्छता अभियान पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही हैं। हजारों रुपए वेतन पर गांवों में सफाई कर्मचारी तैनात किए गए हैं। इसके बावजूद यदि गंदगी के कारण किसी गांव में दर्जनों बच्चे बीमार हो जाएं, तो इसे क्या कहेंगे? वह भी ऐसे गांव में जहां एक, दो नहीं 5 सफाई कर्मचारी तैनात हों। जाहिर है कर्मचारी ही नहीं, मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारी और सिस्टम पूरी तरह फेल हैं। सहजनवां क्षेत्र के भीटी रावत गांव के भरपुरवा टोला में गंदगी के कारण करीब दो दर्जन बच्चे संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है। लेकिन, अभी तक गांव में हालात का जायजा लेने कोई टीम नहीं पहुंची है।

ये बच्चे बीमार

सहजनवां ब्लॉक के ग्राम सभा भीटी रावत के भरपुरवा टोला में 5 दिन पहले बच्चों को उल्टी, दस्त की शिकायत शुरू हुई। इस समय उल्टी दस्त, मलेरिया से दो दर्जन बच्चे पीडि़त हैं। गांव में अभी तक कोई स्वास्थ्य टीम नहीं पहुंची। लिहाजा लोग अपने स्तर से बच्चों का इलाज जिला अस्पताल व निजी अस्पतालों में करा रहे हैं। एक 2 माह का बच्चा मेडिकल कॉलेज में जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है। गांव के जय करन का पुत्र अजय, समीर, अनुष्का, राकेश की पुत्री सुमन, सागर का पुत्र नीरज, पुत्री अन्नू, शिव सागर के दो बेटे समेत दो दर्जन बच्चे इस बीमारी की चपेट में हैं। अभिभावक परेशान हैं।

स्कूल के रास्ते में गंदा पानी

गांव का प्रेम सागर बताता है कि प्राथमिक विद्यालय जाने वाले रास्ते पर ही नालियों का गंदा पानी जमा हो गया है। पहले पानी को निकालने के लिए अंडर ग्राउंड पाइप थी लेकिन वह जाम हो गई। गांव के सारे बच्चे इसी रास्ते स्कूल आते-जाते हैं। इस कारण बीमारी फैल रही है। ग्रामीणों ने बताया कि पानी निकासी के लिए ब्लॉक से लेकर तहसील दिवस में दर्जनों बार शिकायती पत्र दिया लेकिन सब बेकार साबित हुआ।

क्या करते सफाई कर्मचारी?

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में 5 सफाई कर्मचारी तैनात हैं लेकिन वे कुछ नहीं करते। प्रधान का उन पर नियंत्रण नहीं हैं। आजिज प्रधान हरी यादव खुद ग्रामीणों के साथ सोमवार को तहसील में पहुंचे और तहसीलदार को ज्ञापन दिया। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। ग्रामीणों का आरोप है कि सफाई कर्मचारियों ने सबका मुंह बंद कर रखा है। कोई उनके खिलाफ कुछ नहीं करता। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम भी अभी तक गांव में नहीं पहुंची है।

गांव में सफाई के लिए कर्मचारी तैनात हैं। मामले की तत्काल जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

- दिनेश मिश्र, उप जिलाधिकारी