- पीपीगंज से चोरी बच्चे को पुलिस ने 12 घंटे में ही कर लिया बरामद

- मामले में ज्वेलर भाइयों की भूमिका संदिग्ध लेकिन उन्हें बचाने की कोशिश

GORAKHPUR: पीपीगंज एरिया से दो माह का बच्चा चुराने वाली महिला को पुलिस ने 12 घंटे में पकड़ लिया। इसके साथ ही बच्चे को भी बरामद कर लिया। महिला का कहना है कि उसने पालने के लिए बच्चा चुराया था। मोबाइल सर्विलांस के सहारे पुलिस महिला के ठिकाने पर पहुंची और महिला, उसके मददगार कस्बे के ज्वेलर सहित पांच लोगों को पकड़ लिया। लेकिन ज्वेलर्स को बचाने के लिए दिनभर खेल चलता रहा। दिनभर पीपीगंज थाना पर प्रभावशाली लोगों का जमावड़ा लगा रहा। सीओ कैंपियरगंज ने कहा कि बुधवार को मामले का खुलासा किया जाएगा।

पांच हजार का दिया झांसा

रमवापुर निवासी परमानंद की पत्नी वंदना को दो माह पहले बेटा पैदा हुआ। परमानंद की मुलाकात एक महिला से हुई। खुद को आशा कार्यकर्ता बताकर महिला ने परमानंद को पांच हजार रुपए सरकारी मदद दिलाने को कहा। इस बहाने से सोमवार को उसने परमानंद की पत्नी वंदना को बच्चे के साथ बुलाया। पीपीगंज कस्बे के पीएचसी पर वह उन्हें अपने साथ ले गई। फिर वहां से फोटो खिंचवाकर एसबीआई की ब्रांच में चली गई। थोड़ी देर बाद लौटी तो बच्चे को पुचकारकर खिलाने लगी। बैंक के पास घूमते-टहलते वह बच्चा लेकर गायब हो गई।

सर्विलांस ने बताया ठिकाना

सर्विलांस के जरिए पुलिस बच्चा चुराने वाली महिला की तलाश में लग गई। पुलिस को पीपीगंज, मंझरिया गांव में रहने वाली बिंदु शर्मा के बारे में जानकारी मिली। रात में पुलिस बिंदु के घर पहुंची तो वह हड़बड़ा गई। जेल जाने से बचने के लिए उसने बच्चा चोरी का राज खोल दिया। बिंदु ने बताया कि उसकी जान पहचान की महिला साधना शाहपुर एरिया के जागृति नगर खजांची चौक पर रहती है। वह बच्चा चुराकर अपने पास ले गई है। यहां से पुलिस साधना के ठिकाने पर पहुंची। वहां बच्चा बरामद होने पर पुलिस ने साधना, उसके पति रंजीत को हिरासत में ले लिया।

ज्वेलर्स का नाम आया सामने

बच्चा चोरी के मामले में पीपीगंज कस्बे के दो ज्वेलर्स ने साधना की मदद की। बच्चे को लेने के बाद साधना ने ज्वेलर के पास फोन करके मदद मांगी। ज्वेलर ने अपने भाई को भेजकर बाइक से महिला को जंगल कौडि़या तक पहुंचाया। इसके बाद वह दूसरी बाइक से बच्चे को लेकर शाहपुर चली गई। पूछताछ में सामने आया कि साधना का पति रंजीत खजांची चौराहे पर फलों का ठेला लगाता है। साधना से पूछताछ के बाद ज्वेलर और उसके भाई को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। मंगलवार सुबह पुलिस ने परिजनों को बुलाकर बच्चा सौंप दिया। लेकिन ज्वेलर्स को छुड़ाने के लिए थाने पर खेल शुरू हो गया। उनके पक्ष में कई नेता और कस्बे के व्यापारी खड़े हो गए। इससे मामला और संदिग्ध हो गया।

करा ली नसबंदी

पुलिस का कहना है कि महिला ने बच्चा पालने के लिए चुराया था। उसकी शादी गाजीपुर निवासी अच्छेलाल के साथ हुई थी। तीन बच्चों की मां बनने के बाद उसने नसबंदी करा ली। पति से विवाद होने पर तलाक हो गया। एक साल पहले वह गोरखपुर आई। उसकी मुलाकात बिंदु के साथ हुई तो उसने अपने परिचित रंजीत से साधना की शादी करा दी। महराजगंज जिले के मिठौरा बाजार का रंजीत फल बेचता है। जागृति नगर मोहल्ले में उसका मकान होने से महिला वहीं रहने लगी। महिला ने कहा कि उसकी नसबंदी होने की जानकारी रंजीत को नहीं थी। रंजीत की प्रॉपर्टी का वारिस बनाने के लिए महिला ने बच्चा चोरी की योजना बनाई। हालांकि महिला की कहानी में ज्वेलर भाइयों की भूमिका को लेकर कई तरह की बातें होने लगी।

फोर व्हीलर से पहुंचाकर की मदद

कुछ पुलिस कर्मचारियों का कहना है कि बच्चा चुराने के बाद महिला सीधे ज्वेलर की दुकान पर पहुंची। वहां से ज्वेलर ने महिला को फोर व्हीलर से जंगल कौडि़या तक जाने में मदद की। वहां पहले से बाइक सवार युवक उसका इंतजार कर रहा था। वह महिला को बैठाकर चला गया। लेकिन फल बेचने वाले युवक की पत्नी के साथ ज्वेलर्स की जान पहचान कई सवाल खड़े कर रही है। कहा जा रहा है कि बिना किसी खास वजह के कोई व्यक्ति अपनी फोर व्हीलर कैसे दे सकता है। महिला की बातों में कितनी सच्चाई है, इसके लिए पीपीगंज पुलिस ने गाजीपुर पुलिस से मदद मांगी है।

इन सवालों का नहीं मिल रहा जवाब

- बच्चा पालना था तो चुराने की क्या जरूरत थी?

- पीपीगंज एरिया के बिंदु के साथ उसकी जान पहचान कैसे हुई?

- बच्चा चुराने की योजना में बिंदु ने महिला का साथ क्यों दिया?

- आशा बनकर फोन करने, रुपए दिलाने की साजिश किसने रची?

- महिला की मदद ज्वेलर्स ने क्यों की?

- बिंदु, साधना और ज्वेलर्स के बीच मजबूत कड़ी कैसे जुड़ी?

- रमवापुर निवासी परमानंद की पत्नी वंदना को ही टॉरगेट क्यों बनाया गया?

वर्जन

बच्चा बरामद कर उसके परिजनों को सौंप दिया गया है। इस प्रकरण में आरोपित महिला, उसके पति, उसकी परिचित महिला और ज्वेलर्स की भूमिका की जांच पड़ताल की जा रही है।

- मनोज कुमार पांडेय, सीओ, कैंपियरगंज