गोरखपुर (ब्यूरो).पकड़ी गई युवती ने पुलिस को बताया, वह बच्चा चोरी करने वाले एक रैकेट के सदस्य के रूप में काम करती है। उसका काम सिर्फ बच्चा चुराना होता है। यह लोग पहले पता करते हैं कि गांव में किसके घर में बच्चा पैदा हुआ है। पहले दिन में वह अपने साथियों संग पूरी तरह गांव और घर की रेकी करती है। इसके बाद रात में बच्चा चुराने के लिए घर में घुसती है। घर में घुसते ही सबसे पहले स्प्रे मारकर वह लोगों को बेहोश कर देती है। इसके बाद बच्चा लेकर अन्य साथी को सौंप देती है। फिर सभी फरार हो जाते हैं।
एक बच्चे की चोरी पर मिलता 5 हजार
युवती ने पुलिस को बताया, एक बच्चा चोरी करने पर उसे 5 हजार रुपए मिलते हैं। जबकि गैंग के लोग इस बच्चे को 50 हजार से एक लाख रुपए में बेच देते हैं। हालांकि यह बच्चे फिर कहां भेजे जाते, इस बारे में युवती को अधिक जानकारी नहीं है।
ऐसे पकड़ी गई
खजनी के वरपार वरगाह गांव निवासी संजय उर्फ भोलू ने बताया, शनिवार की रात 2 बजे वह घर से बाहर निकला हुआ था। इसी बीच गांव का शेरू नाम का लड़के ने उसे बताया कि वह एक युवती के पीछा कर रहा है। जिसके बाद दोनों युवती को पूरे गांव में खोजने लगे। युवती गांव के भोले के गौशाला में छिपी थी, लेकिन तभी युवकों को देखते ही वह भागने लगी। दोनों ने उसे दौड़ाकर दबोच लिया। उसके हाथ में एक कपड़ा में बंधा हुआ बच्चा मिला और एक मोबाइल मिला। बच्चे की पहचान उसी गांव के धर्मेंद्र सिंह के एक महीने के बेटे के रूप में हुई है। हालांकि इस दौरान कुछ दूरी पर खड़े बाइक पर सवार उसके दो साथी शोर सुनकर फरार हो गए। सीओ खजनी अनिल कुमार सिंह ने बताया, युवती को लेकर गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है। बहुत जल्द ही सभी पुलिस के गिरफ्त में होंगे।